टीकाराम जूली ने माधुरी को बताया सेकेंड ग्रेड की हीरोइन, वीडियो में देखें सरकार पर लगाए आरोप

राजस्थान विधानसभा में एप्रोप्रिएशन बिल पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने आईफा अवॉर्ड्स आयोजन पर सौ करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर दिए, लेकिन धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखने वाले तीर्थ स्थलों खाटूश्याम जी और गोविंददेव जी के विकास के लिए सौ करोड़ रुपये तक नहीं दिए गए।
टीकाराम जूली ने सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि एक तरफ धार्मिक आस्था से जुड़े स्थलों को अनदेखा किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ एक फिल्मी कार्यक्रम पर पानी की तरह पैसा बहाया गया। उन्होंने कहा, “आईफा अवॉर्ड्स जैसे इवेंट में सरकार ने जनता के खून-पसीने की गाढ़ी कमाई खर्च कर दी। मगर प्रदेश के उन तीर्थ स्थलों की उपेक्षा कर दी, जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और प्रदेश की संस्कृति व आस्था से जुड़े हुए हैं।”
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि आईफा जैसे बड़े आयोजन में कोई भी फर्स्ट ग्रेड का अभिनेता शामिल नहीं हुआ। टीकाराम जूली ने कहा, “सरकार ने जिस इवेंट को प्रदेश के प्रचार का जरिया बताया, उसमें कोई भी बड़ा स्टार नहीं आया। यहां सिर्फ सेकेंड ग्रेड के एक्टर्स पहुंचे, जिनकी लोकप्रियता पर भी सवाल उठाए जा सकते हैं। ऐसे में यह आयोजन कितना सफल रहा, इसका मूल्यांकन जरूरी है।”
उन्होंने यह भी कहा कि जब प्रदेश के किसान, नौजवान और व्यापारी समस्याओं से जूझ रहे हैं, तब सरकार का इस तरह का खर्च सवाल खड़े करता है। टीकाराम जूली ने कहा कि खाटूश्याम जी और गोविंददेव जी जैसे तीर्थस्थल न केवल श्रद्धा का केंद्र हैं, बल्कि पर्यटन और आर्थिक विकास में भी अहम भूमिका निभाते हैं। वहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, लेकिन सरकार ने इन स्थलों के विकास की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया।
टीकाराम जूली की इन तीखी टिप्पणियों के जवाब में सत्ता पक्ष की ओर से कहा गया कि आईफा जैसे अंतरराष्ट्रीय आयोजनों से राजस्थान को वैश्विक पहचान मिली है। पर्यटन को बढ़ावा देने और प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को विश्वपटल पर लाने के लिए ऐसे इवेंट जरूरी हैं।
हालांकि, विपक्ष के सवालों ने विधानसभा में बहस को गरमा दिया। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार आने वाले समय में तीर्थ स्थलों के विकास को लेकर क्या ठोस कदम उठाती है, ताकि जनता में नाराजगी कम हो सके।