Aapka Rajasthan

ऑर्गन ट्रांसप्लांट फर्जी एनओसी मामले में डॉ. राजेंद्र बागरी निलंबित, इनको मिला CCA के तहत नोटिस

 
ऑर्गन ट्रांसप्लांट फर्जी एनओसी मामले में डॉ. राजेंद्र बागरी निलंबित, इनको मिला CCA के तहत नोटिस

जयपुर न्यूज़ डेस्क,  अंग प्रत्यारोपण के लिए फर्जी एनओसी जारी होने के प्रकरण में उच्च स्तरीय जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद राज्य सरकार ने बुधवार को भी दोषी अधिकारियों के विरूद्ध सख्त एक्शन लिए हैं. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि जांच रिपोर्ट में सामने आए तथ्यों के बाद राज्य प्राधिकार समिति के समन्वयक एसएमएस अस्पताल के वरिष्ठ आचार्य, जनरल सर्जरी डॉ. राजेन्द्र बागडी को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है. अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि जांच रिपोर्ट में सामने आया कि डॉ. बागडी को एनओसी के लिए आवेदन प्राप्त होने की पूर्ण जानकारी थी. इसके बावजूद बैठकों का आयोजन नहीं होने के लिए वे प्राथमिक रूप से जिम्मेदार हैं. उन्होंने राज्य प्राधिकारी समिति के कार्यों को गंभीरता से नहीं लिया.   इसी प्रकार जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर एनओसी जारी करने के लिए बैठक आयोजित नहीं करने एवं पर्यवेक्षणीय लापरवाही को लेकर सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. राजीव बगरहट्टा एवं पूर्व अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा को सीसीए नियम 16 के तहत नोटिस देकर 3 दिवस में स्पष्टीकरण मांगा गया है. 

2020 से हो रहा था फर्जीवाड़ा

आज ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामले में चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर मे मामले में बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि स्कैम की जड़े 2020 से जुड़ी है तब से ये खेल चल रहा था  चिकित्सा विभाग ने ही मामले में एफआईआर करवाई थी इसके तीन चार कारण थे आर्गन ट्रांसप्लांट मामले में दो कमेटिया होती थी. 2022 में दोनो कामेटियो को मर्ज करने की सिफारिश आई दोनो को मर्ज कर चिकित्सा विभाग के प्रमुख सचिव और सरकारी प्रतिनिधि को हटा दिया गया. एक पावर सेंटर बनाकर सरकार को इसमें से हटा दिया डॉक्टर सुधीर भंडारी वीसी बन गए लेकिन soto का पद नहीं छोड़ा .

चिकित्सा मंत्री ने भी पीसी कर कार्रवाई की जानकारी दी

दूसरी ओर इस मामले में बुधवार को राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने प्रेस को संबोधित करते हुए अब तक की कार्रवाई की जानकारी भी दी. उन्होंने कहा कि बीते डेढ़ महीने में विभाग ने गोरखधंधे को उजागर करने के पूरे प्रयास किए. चिकित्सा विभाग की कमेटी ने रिपोर्ट सौंप दी है. एसीएस और अधिकारियों के साथ हमने इस पर मंथन किया में मुख्यमंत्री से भी बीते सप्ताह मिला था उन्होंने एक सप्ताह में मामले का पर्दाफाश करने को कहा था. एक हफ्ते में हम निष्कर्ष पर पहुंचे है. हमने प्रिंसिपल और अधीक्षक को बर्खास्त किया अब डॉक्टर बागड़ी को भी बर्खास्त कर दिया है. चिकित्सा मंत्री ने कहा -हमको शर्मिंदा होना पड़ रहा है कि ऐसा स्कैम हमारे यहां हुआ. जब सुधांशु पत्र केंद्र में स्वास्थ सचिव थे. तब उन्होंने हमको चेतवानी पत्र भेजा था. लिखा था कि सोटो एसएमएस के अधीन थी तो ruhs के अधीन केसे चली गई.  मंत्री ने आगे कहा कि हमारा रोल अब खत्म हो चुका है. अब पुलिस कमिश्नर, एसीबी, मामले की जांच कर रहे है. एक तरह से डबल बैरल दो नाली चल रही है.