UPSC पास कर देश का नाम रोशन करने वाली Poorva Choudhary को लोग क्यों कर रहे ट्रोल, बेटी के बचाव में उतरे पिता
यूपीएससी द्वारा सिविल सेवा परीक्षा 2024 का परिणाम 22 अप्रैल 2025 को घोषित किया गया था। इस परीक्षा में देशभर से कुल 1009 अभ्यर्थी अंतिम सूची में शामिल थे। जिसमें 725 लड़के और 284 लड़कियां थीं। इन हजारों अभ्यर्थियों में राजस्थान के एक आरएएस की बेटी ने भी यूपीएससी में सफलता हासिल की। पहले तो लोगों ने उनकी सफलता का खूब जश्न मनाया लेकिन इसके बाद अचानक सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर ट्रोल किया जाने लगा।
यूपीएससी 2024 में सफलता के कारण ट्रोल हो रही हैं
राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले की रहने वाली पूर्वा चौधरी ने यूपीएससी 2024 परीक्षा में एआईआर 533 हासिल की है। उनकी यही सफलता फिलहाल उनके ट्रोल होने का कारण बनी हुई है। उनके पिता ओमप्रकाश सहारण राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) में अधिकारी हैं। फिलहाल वे कोटपूतली में अतिरिक्त जिला कलेक्टर के पद पर तैनात हैं। पूर्वा चौधरी सोशल मीडिया पर भी काफी मशहूर हैं। वे अपने इंस्टा अकाउंट से करियर कोचिंग टिप्स भी देती हैं। इंस्टाग्राम पर उनके करीब 270 लाख फॉलोअर्स हैं।
ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर का फायदा उठाने का आरोप
पूर्वा जितनी खूबसूरत हैं, अपने लक्ष्य के प्रति उतनी ही गंभीर भी हैं। लेकिन फिलहाल लोगों ने प्रशासनिक सेवा में उनकी सफलता पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। लोगों ने पूर्वा पर ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर (एनएलसी) प्रमाण पत्र का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है, क्योंकि उनके पिता राजस्थान प्रशासनिक सेवा में अधिकारी हैं।
ट्रोलर्स ने पूछे कई सवाल
लोगों ने पूर्वा चौधरी से उनके इंस्टा अकाउंट को ट्रोल करते हुए कई सवाल पूछे हैं। जिसमें एक यूजर @majay6750 ने पूछा कि करोड़पति होने के बावजूद उन्हें ओबीसी-एनसीएल की सीट मिली है। ऐसे लोग ही गरीबों का हक छीनते हैं। प्रमाण पत्र घोटाला। इसके अलावा एक अन्य यूजर @devil0888 ने पूछा कि क्या विकलांगता/ईडब्ल्यूएस का दुरुपयोग किया गया?
पिता ने बेटी के पक्ष में दी सफाई
इस विवाद को बढ़ता देख पूर्वा के पिता ओमप्रकाश सहारण ने अपनी बेटी के पक्ष में अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ये आरोप झूठे और निराधार हैं। नियमों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ओबीसी-एनसीएल प्रमाण पत्र के लिए नियम यह है कि यदि कोई व्यक्ति 40 वर्ष की आयु से पहले निदेशक क्लास-1 (ग्रुप ए) या आरएएस जैसे पद पर भर्ती होता है तो उसका परिवार ओबीसी-एनसीएल के लाभ से वंचित हो जाता है। ओमप्रकाश सहारण ने कहा कि जब वे आरएएस बने थे, तब उनकी आयु 44 वर्ष थी। इसलिए उनकी बेटी को ओबीसी-एनसीएल प्रमाण पत्र का लाभ लेने का पूरा अधिकार है।
