Hanumangarh पं.दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धापूर्वक किया याद
हनुमानगढ़ न्यूज़ डेस्क, पं. भारतीय जनसंघ की नींव रखने वाले भारतीय स्वयंसेवक संघ के विचारक, एकात्मवाद के प्रणेता, प्रमुख चिंतक एवं सामाजिक कार्यकर्ता दीनदयाल उपाध्याय को उनकी पुण्य तिथि पर श्रद्धापूर्वक याद किया गया। उनके आदर्शों पर चर्चा की गयी. भाजपा कार्यकर्ताओं ने पं. स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उनकी पुण्य तिथि मनाई। कस्बे का दीनदयाल उपाध्याय चौक।
इस अवसर पर भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष बलवीर बिश्रोई ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का मानना था कि समाजवाद, साम्यवाद और पूंजीवाद व्यक्ति के एक तरफा विकास की बात करते हैं, जबकि व्यक्ति की समग्र आवश्यकताओं का मूल्यांकन किए बिना कोई भी विचार उसके लिए अनुकूल नहीं है। भारत का विकास. नहीं होगा। उन्होंने एकात्म मानववाद के दर्शन को भारतीयता के अनुकूल पूर्ण भारतीय चिंतन के रूप में प्रस्तुत किया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन के अनेक पहलू, अनेक आयाम और अनेक कार्य हैं। कम उम्र में ही दुनिया छोड़ देने वाले पंडित जी के जीवन से जुड़ी कई कहानियां हैं, जो काफी दिलचस्प होने के साथ-साथ प्रेरणादायक भी हैं। 11 फरवरी 1968 को महज 51 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाले पंडित जी की ईमानदारी, सादगी और दार्शनिकता आज भी लोगों को सीख देती है।
उन्होंने कहा कि उपाध्याय ने विपरीत परिस्थितियों में देश में संगठन खड़ा किया. आज वही संगठन भाजपा के रूप में फल-फूल रहा है। उन्होंने बताया कि भाजपा विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक संगठन है। पूर्व नगर मंडल अध्यक्ष प्रदीप ऐरी ने कहा कि पं.दीनदयाल उपाध्याय महान विचारक एवं संगठनकर्ता थे। वह भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुरूप रूप में प्रस्तुत किया और देश को एकात्मक मानवतावाद जैसी प्रगतिशील विचारधारा दी।
भाजपा नेता प्रेम बंसल ने कहा कि पंडित जी का उद्देश्य पूर्ण स्वतंत्रता के प्रयासों के लिए विशुद्ध भारतीय दृष्टि प्रदान करना था। पूर्व मंत्री जुगल प्रकाश गोड़ ने उपाध्याय की जीवन गाथा सुनकर सभी को प्रेरित किया। कार्यक्रम में पूर्व मंडल महासचिव नितिन बंसल, पूर्व पार्षद भरत कुमार, राजेंद्र डोडा, विनोद वर्मा, राजेंद्र वर्मा, राजेश प्रेमजानी सहित बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे।