Hanumangarh परीक्षा केंद्रों पर ड्रेस कोड को लेकर असमंजस की स्थिति रही, परीक्षा में देरी बड़ी चूक

हनुमानगढ़ न्यूज़ डेस्क, हनुमानगढ़ आरएएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 का आयोजन रविवार को हुआ। जिले में 18065 अभ्यर्थी पंजीकृत किए गए थे। इसमें से 10141 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। जबकि 7924 अ भ्यर्थी गैर हाजिर रहे। इस तरह 56.14 प्रतिशत उपस्थिति रही। परीक्षा को लेकर जिले में 56 केंद्र बनाए गए थे। जिला मुख्यालय, संगरिया और पीलीबंगा उपखंड मुख्यालयों पर परीक्षा केंद्र बनाए गए थे।परीक्षा केंद्रों पर सुबह नौ बजे से अभ्यर्थी पहुंचने लगे थे। दूर-दराज से पहुंचे अभ्यर्थियों का रास्ता कोहरे ने रोकने की कोशिश की। तेज धुंध की वजह से सामने कुछ नजर नहीं आ रहा था। लेकिन मजबूत इच्छा शक्ति के चलते बहुत से अभ्यर्थियों ने परीक्षा केंद्रों तक पहुंचकर परीक्षा दी। वहीं कोहरे ने कुछ अभ्यर्थियाें का रास्ता रोका भी। इस दौरान परीक्षा केंद्रों पर वक्त को लेकर ऐसी पाबंदी बरती गई कि ग्यारह बजने के बाद एक सेकेंड की भी राहत नहीं दी गई। ग्यारह बजते ही केंद्राधीक्षकों ने प्रवेश बंद कर दिया। इसके बाद एक या दो सकेंड की देरी से पहुंचे अभ्यर्थियों को भी प्रवेश नहीं दिया गया।
गेट पर तैनात पुलिसकर्मियों से अभ्यर्थी प्रवेश देने को लेकर गुहार लगाते रहे। लेकिन पुलिस वाले भी उल्टे हाथ जोड़कर उन्हें समझाते रहे कि उनके हाथ में कुछ नहीं है। केंद्राधीक्षकों की अनुमति पर ही प्रवेश देने की बात पुलिसकर्मियों ने कही। दूसरी तरफ ड्रेस कोड को लेकर परीक्षा केंद्रों पर गफलत की स्थिति नजर आई। कुछ केंद्रों पर जाकेट आदि पहने अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया जा रहा था तो कहीं पर चैन लगी जैकेट को लेकर टोकाटोकी की जा रही थी। एक सेंटर पर एक सिक्ख अभ्यर्थी को कृपाण आदि लेकर जाने से रोका गया तो अभ्यर्थी ने तत्काल इसका विरोध शुरू कर दिया। इसके बाद उसे प्रवेश मिला। परीक्षा को लेकर जिले में 11 उड़न दस्तों का गठन किया गया था। परीक्षा को लेकर कंट्रोल रूम का संचालन किया गया। प्रभारी प्रधानाचार्य पवन कौशिक ने बताया कि निर्धारित समय पर सभी केंद्रों पर परीक्षा शुरू हुई। एडीएम उम्मेदीलाल मीणा ने बताया कि परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके संपन्न हुई। 56.14 प्रतिशत अभ्यर्थियां ने परीक्षा दी।
शॉल, कड़े, गहने आदि उतरवाए
परीक्षा को लेकर इस बार ड्रेस कोड में कुछ छूट दी गई थी। लेकिन महिलाओं के लिए कडे़, आभूषण आदि बाहर ही निकलवा लिए गए।
परीक्षा को लेकर तैनात किए गए स्टॉफ को भी मोबाइल अंदर ले जाने की अनुमति नहीं थी। परीक्षा में लगे स्टॉफ को दस बजे तक पहुंचने की हिदायत दी गई थी। परीक्षा का समय दोपहर बारह से तीन बजे तक रहा।
प्लीज...इंट्री दे दो सर
केंद्रों के बाहर ग्यारह बजे बाद तक अभ्यर्थी पहुंचते रहे। उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया। सर प्लीज...कहते हुए अभ्यर्थी गुहार लगाते रहे। उन्हें नियमों के चलते प्रवेश नहीं दिया गया। कुछ अभ्यर्थियों का कहना था कि कोहरे की वजह से बस लेट हो गई। हमारा क्या कसूर है सर... लेकिन उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया।