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Hanumangarh भारत-पाक के बीच परमाणु आदान-प्रदान से 2 अरब लोगों के लिए भुखमरी की स्थिति पैदा हो सकती है

 
Hanumangarh भारत-पाक के बीच परमाणु आदान-प्रदान से 2 अरब लोगों के लिए भुखमरी की स्थिति पैदा हो सकती है
हनुमानगढ़ न्यूज़ डेस्क, हनुमानगढ़ इंडियन डॉक्टर्स फॉर पीस एंड डेवल्पमेंट के अध्यक्ष डॉ. अरुण मित्रा ने कहा कि जब तक आमजन में शांति का वातावरण नहीं बनेगा तब तक देश हथियारों पर अधिक खर्च करेंगे और स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण आदि मुद्दे देश की प्राथमिकता पर नहीं रहेंगे और जनता का जीवन कष्टमय होता चला जाएगा।ऐसे में हम सबको मिलकर जनता में शांति के लिए वातावरण तैयार करना चाहिए ताकि सरकारों पर दबाव रहे और हथियारों की दौड़ के लिए इस्तेमाल होने वाले धन को स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास पर खर्च किया जाए। टाउन के एपेक्स हॉल में शांति, स्वास्थ्य और विकास विषयक सेमिनार में मुख्य वक्ता के तौर पर संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लोग शांति, स्वास्थ्य, शिक्षा और शुद्ध पर्यावरण चाहते हैं, युद्ध नहीं। आईडीपीडी प्रदेश इकाई के संरक्षक डॉ. राजीव मुंजाल ने कहा कि हमें गांव-गांव जाकर शांति,स्वास्थ्य एवं विकास की बात करनी चाहिए और शांति गांव बनाने चाहिए। उन्होंने कहा कि जिले में पूर्व में गांव मक्कासर, पीरकाम​ड़िया सहित कई गांव शांति गांव के तौर प​र चिन्हित किए गए थे लेकिन कोरोनाकाल के कारण इस योजना पर काम नहीं हो सका। अब इसको लेकर दुबारा नए सिरे से काम किया जाएगा। सेमिनार में मुख्य अतिथि आईएमए प्रदेशाध्यक्ष डॉ. एमपी शर्मा जबकि अध्यक्षता एपेक्स क्लब के अध्यक्ष गौरीशंकर शर्मा ने की। डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने सभी अतिथियों का आभार जताया। मंच संचालन डॉ. जयश्री ने किया।

आईडीपीडी के डॉ. बृजेश गौड़ प्रदेशाध्यक्ष, डॉ. धर्मेंद्र कुमार सचिव बने: सेमिनार में सर्वसम्मति से प्रदेश की नई कार्यकारिणी गठित की गई। इसमें डॉ. बृजेश गौड़ प्रदेशाध्यक्ष, डॉ. धर्मेंद्र कुमार प्रदेश सचिव व डॉ. राजीव मुंजाल प्रदेश ईकाई के संरक्षण चुने गए। वहीं, डॉ. रा​मनिवास लांबा, पवन शर्मा, रामेश्वर भांभू, प्रवीण बिश्नोई, कुलदीप कारगवाल, मनोहर स्वामी, अजय वर्मा, विकास जोशी, जतिन, ऋषि व डॉ. जिंदल कार्यकारिणी सदस्य नियुक्त किए गए। नॉर्वे में भारत की तरफ से नोबल पुरस्कार हासिल कर चुके डॉ. अरुण मित्रा ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि संगठन की ओर से किए गए अध्ययनों से पता चला है कि भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु आदान-प्रदान की स्थिति में 2 अरब से अधिक लोगों को भूखमरी और मौत का खतरा होगा। रूस और अमेरिका के बीच ऐसा कोई भी आदान-प्रदान हजारों वर्षों के मानव श्रम से बनी आधुनिक मानव सभ्यता के अंत का कारण बनेगा। इसलिए यह जरूरी है कि धरती से परमाणु हथियारों को खत्म किया जाए। दुनिया अभी कोविड महामारी के प्रभाव से उबरी है जिससे हमने सीखा है कि भविष्य में ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए बहुत अधिक धन की आवश्यकता है।

विडंबना है कि वैश्विक हथियार खर्च में वृद्धि हुई है। दुनिया ने 2023 में हथियारों पर 2240 अरब डॉलर खर्च किए जिसमें अकेले परमाणु हथियारों पर 82.9 अरब डॉलर शामिल है। परमाणु हथियारों पर 13.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। करीब 90% परमाणु ह​थियार अमेरिका और रूस के पास है। रूस और यूक्रेन व गाजा में युद्ध में हजारों लोग मारे गए हैं। इसलिए शांति जरूरी है। हाल ही में संगठन के प्रयासों से मणिपुर मंे शांति पार्क बनाया गया है। सेमिनार में यह रहे मौजूद: कार्यक्रम में डॉ. बृजेश गौड़, डॉ. एसएस गेट, डॉ. पारस जैन, एपेक्स क्लब सचिव विपिन गगनेजा, आयुर्वेद उपनिदेशक डॉ. तीर्थ शर्मा, डॉ. पवन शर्मा,रामेश्वर भांभू, संदीप भाखर, सुधीर डूडी, नरेश संकलेचा, अजय वर्मा सहित अन्य डॉक्टर्स व स्वास्थ्य कर्मी मौजूद​ थे।