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Hanumangarh नरमा फसल के नुकसान पर मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने कांग्रेस का विरोध करने की दी चेतावनी

 
Hanumangarh नरमा फसल के नुकसान पर मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने कांग्रेस का विरोध करने की दी चेतावनी

हनुमानगढ़ न्यूज़ डेस्क, हनुमानगढ़ नरमा की फसल में गुलाबी सुंडी से हुए नुकसान की विशेष गिरदावरी करवाकर किसानों को मुआवजा देने और बीज-पेस्टीसाइड कंपनियों पर मामला दर्ज करने की मांग को लेकर किसानों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। धरना-प्रदर्शन के बाद मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम एडीएम को ज्ञापन सौंपा। इससे पहले धरनास्थल पर हुई सभा में रघुवीर वर्मा ने कहा कि पहले समय पर राजस्थान कैनाल को पानी नहीं देने की वजह से फसलें कमजोर पैदा हुई। कांग्रेस-भाजपा की सरकारों ने मिलकर नाली-घग्घर बैल्ट का पानी पाकिस्तान भेज दिया। बीज कंपनियों ने बीटी बीज के नाम पर घटिया बीज किसानों को उपलब्ध करवाया। इसका नतीजा यह है कि आज क्षेत्र की नरमा की फसल गुलाबी सुंडी ने तबाह कर दी है। इससे नरमे की पैदावार प्रभावित हुई है। वह नरमा की फसल भी मंडी में बिकने लायक नहीं होगी। उन्होंने मांग की कि स्पेशल गिरदावरी करवाकर बीज और पेस्टीसाइड कंपनी से किसान को मुआवजा दिलवाया जाए।

किसान नेता सुरेन्द्र शर्मा ने बताया कि भारतमाला पीड़ित किसान लगातार चार साल तक आंदोलनरत रहे और धरना लगाकर जिला कलेक्ट्रेट के समक्ष डटे रहे, लेकिन किसानों को आज भी मांग अनुसार बाजार भाव से मुआवजा नहीं मिला। अब विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। मैनिफेस्टो में राजनीतिक पार्टियां बड़े-बड़े काम करवाने का उल्लेख कर रही हैं, लेकिन राजस्थान सरकार ने भारतमाला के मुआवजे को रिवाइज नहीं किया। अभी भी सरकार के पास समय है। अन्यथा इलाके का किसान इन चुनावों में वर्तमान कांग्रेस का डटकर विरोध करेगा। अगर आज भी सरकार भारतमाला का मुआवजा रिवाइज कर दे तो किसान को प्रति किला के हिसाब से 13-14 लाख रुपए मिल सकते हैं और किसानों की भरपाई हो सकती है। ओम स्वामी ने बताया कि रीको क्षेत्र में रीको खुद की जमीन बता रहे हैं, जबकि रीको ने न तो इस जमीन को खरीदा है और न ही यह जमीन रीको के नाम है। इसके बाद भी रीको की ओर से इस जमीन की मांग की जा रही है। इसलिए सरकार से मांग है कि वह जमीन किसानों के पास ही रहे, उसे रीको को न सौंपा जाए। उन्होंने बताया कि इन मांगों को लेकर 26 सितम्बर को संयुक्त मोर्चा की ओर से बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

ज्ञापन में किसानों का कर्ज माफ करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों की सभी फसलों की खरीद सुनिश्चित करने, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, भारतमाला 754के और रीको एरिया में आई जमीन का मुआवजा किसानों को बाजार भाव के अनुसार देने, घग्घर क्षेत्र को राइस बेल्ट घोषित करने, बकाया बीमा क्लेम की राशि का भुगतान करने, कुओं पर 12 घंटे बिजली देने, इंदिरा गांधी नहर परियोजना में चार समूह बनाकर दो समूह चलाने, भाखड़ा में 1872 क्यूसेक पानी चलाने आदि की मांग की गई। इस मौके पर रामेश्वर वर्मा, गुरपरविन्द्र सिंह, दलीप छिम्पा, उग्रसेन भादू, गुरप्रीत मान, अवतार सिंह, बहादुर सिंह, शेरसिंह शाक्य, महेन्द्र बिजारणिया, मनीराम चाहर, कृपाराम, राधेश्याम, राजेन्द्र चाहर, बीरबल दास, मोहन लोहरा, पालाराम पूनिया, प्रेम नाई, करणवीर, वेद प्रकाश मौजूद रहे।