Hanumangarh संदिग्ध परिस्थितियों में 8 हिरण और खरगोश की मौत

हनुमानगढ़ न्यूज़ डेस्क, हनुमानगढ़ के भादरा में तीन दिन पहले एक हिरण व एक खरगोश की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। इस मामले में बिश्नोई समाज का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को कलेक्टर से मिला। समाज के लोगों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मामले की जांच वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से कराने व वन विभाग के लापरवाह अधिकारियों व कर्मचारियों को निलंबित करने की मांग की। इस दौरान कलेक्टर ने मामले की जांच एडीएम स्तर के अधिकारी से कराने का आश्वासन दिया और कहा कि जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
इस संबंध में वन विभाग की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर की जांच वरिष्ठ अधिकारी से कराई जाएगी। संगठन के पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर को बताया कि भादरा के श्मशान घाट में घायल वन्य जीवों को रखने के लिए स्थान बनाया गया है। इसमें आठ हिरण व एक खरगोश को रखा गया था। 21 जुलाई को उक्त सभी हिरण व खरगोश संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए। वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और मृत हिरण और खरगोश को वाहन में डालकर वन विभाग कार्यालय ले गए और आनन-फानन में पोस्टमार्टम कराने के बाद बिना किसी पशु संरक्षण समिति या समाजसेवी को सूचना दिए गड्ढा खोदकर दफना दिया। वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा न तो श्मशान घाट के अध्यक्ष को बुलाया गया, न ही समाजसेवी को और न ही पशु संरक्षण समिति को।
मृत हिरणों को सामाजिक रीति-रिवाज के अनुसार दफनाया नहीं गया। आनन-फानन में वन विभाग कार्यालय का मुख्य द्वार बंद कर दिया गया और हिरण को गुपचुप तरीके से दफना दिया गया। वन विभाग के कर्मचारियों की इस कार्यशैली को लेकर हर कोई संदिग्ध हो रहा है। एक साथ आठ हिरण और एक खरगोश के मृत पाए जाने की बड़ी घटना के बावजूद जिला वन अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। इससे पूरे समाज में रोष व्याप्त है।