राजस्थान में किसानों को बड़ी राहत! भजनलाल सरकार देगी 3 लाख रुपये तक का अनुदान, जानिए इस नयी योजना के बारे में सबकुछ

राजस्थान में खेतों में खड़ी फसलों के कारण मार्च-अप्रैल माह में डिग्गी का निर्माण नहीं करा पाने वाले किसानों को अब राजस्थान सरकार के स्तर पर राहत दी गई है। ऐसे किसान अब 30 जून तक डिग्गी का निर्माण करा सकेंगे। सरकार ने पहले 31 मार्च तक डिग्गी का निर्माण कराने के निर्देश दिए थे।
इसके चलते किसानों ने डिग्गी का निर्माण नहीं कराया
बताया जा रहा है कि पिछले वित्तीय वर्ष में हनुमानगढ़ जिले में राज्य योजना में 981 डिग्गी तथा अटल भूजल योजना में 1800 डिग्गी निर्माण का लक्ष्य आवंटित किया गया था। लक्ष्य आवंटन में देरी के कारण प्रशासनिक स्वीकृतियां जारी करने में भी देरी हुई। इस दौरान मार्च-अप्रैल में खेतों में फसल तैयार हो गई थी। ऐसे में डिग्गी निर्माण के लिए ट्रैक्टर आदि मशीन ले जाने तथा खुदाई करने से काफी फसल खराब हो रही थी। इसके चलते किसानों ने डिग्गी का निर्माण नहीं कराया।
राज्य सरकार को समस्या से कराया अवगत
किसान नेताओं व जनप्रतिनिधियों ने राज्य सरकार को इस समस्या से अवगत कराया। इसके बाद सरकार ने डिग्गी निर्माण की अवधि 31 मार्च 2025 से बढ़ाकर 30 जून 2025 कर दी है। इस अवधि में किसान खेतों में डिग्गी का निर्माण करवा सकेंगे।
अब किसान 30 जून तक खेतों में डिग्गी का निर्माण करवा सकेंगे
कृषि विभाग हनुमानगढ़ के सहायक निदेशक बलकरण सिंह के अनुसार डिग्गी निर्माण के आवंटित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अब तीन माह का अतिरिक्त समय दिया गया है। अब किसान 30 जून तक खेतों में डिग्गी का निर्माण करवा सकेंगे।
भुगतान का यह नियम
डिग्गी निर्माण के बाद नियमानुसार सामान्य श्रेणी के किसानों को अधिकतम 3 लाख तथा लघु सीमांत श्रेणी के किसानों को अधिकतम 3 लाख 40 हजार रुपए की सब्सिडी दी जाती है। नियमानुसार डिग्गी निर्माण के लिए 4 लाख लीटर की आवश्यकता निर्धारित है। राज्य के जिस नहरी क्षेत्र में सिंचाई मोड़ स्वीकृत होगा, वहां के किसान सब्सिडी के लिए पात्र हैं। आवेदक के पास न्यूनतम 0.5 हेक्टेयर यानि आधा हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र होना चाहिए। उपरोक्त नियम पूरे न होने पर विभाग स्तर पर आवेदन निरस्त कर दिया जाता है।
चेतावनी बोर्ड लगाना जरूरी
सुरक्षा की दृष्टि से डिग्गी के चारों ओर दो फीट ऊंची दीवार बनाई जानी चाहिए। डिग्गी के निर्माण और अनुदान जारी होने के बाद उसके रखरखाव की जिम्मेदारी किसान की होती है। डिग्गी के निर्माण के बाद उसके चारों ओर चेतावनी बोर्ड लगाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि कोई उसके पास न जा सके। जिले में डिग्गी में डूबकर लोगों की मौत को देखते हुए उसकी सुरक्षा को लेकर सख्ती बरती जा रही है।