Hanumangarh नवरात्र विशेष : मैनादेवी के लिए सफाई ही सबसे बड़ा सेवा धर्म
हनुमानगढ़ न्यूज़ डेस्क, हनुमानगढ़ आज विशेष नवरात्रि में हम आपको नगर की नगर पालिका में तैनात एक ऐसी सफाईकर्मी से मिलवाने जा रहे हैं, जो विपरीत परिस्थितियों में भी स्वच्छता को सेवा मानती थी। मैनादेवी की भक्ति को देखते हुए आज उन्हें सामाजिक कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया जाता है। दरअसल कस्बे के वार्ड 28 में जन्मीं मान देवी पत्नी विनोद वाल्मीकि बेटी रामजस वाल्मीकि का जीवन संघर्षपूर्ण रहा है. मैना देवी बताती हैं कि वह अपनी चार बहनों और भाइयों में सबसे छोटी हैं। मैना की शादी 1989 में डबवाली (हरियाणा) निवासी विनोद वाल्मीकि से हुई थी। उसने एक बेटी को जन्म दिया लेकिन बेटी पैदा होते ही मर गई। शादी के 7 साल बाद ऐसा दुख का पहाड़ टूट पड़ा जब मैना के पति की बीमारी के चलते मौत हो गई। ससुराल में शारीरिक और मानसिक पीड़ा सहनी पड़ी। ऐसे में भाई अशोक और सुरेंद्र उसे अपने पास ले आए। तब से मैना देवी अपने भाइयों के साथ ही रहती हैं।
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जीवन यापन के लिए मैना देवी नगर पालिका में ठेका प्रथा पर सफाई कार्य के लिए विभिन्न वार्डों में सफाई का काम करने लगीं। सफाई कार्य में रुचि और कर्तव्य के प्रति समर्पण को देखते हुए सभी ने मैना देवी की प्रशंसा करने से नहीं रोका। इस व्यवहार को देखते हुए नगर पालिका के सभी सफाई ठेकेदार मैना देवी से अपने वार्ड में काम करने की गुहार लगाते रहे। नगर पालिका द्वारा चार-पांच वर्षों तक ठेकेदारों के अधीन सफाई कार्य करने के बाद उनकी सेवाओं से प्रभावित होकर वर्ष 2009 में तत्कालीन नगरपालिका अध्यक्ष एवं ईओ ने मैना देवी को विधवा कोटे से नगर पालिका में स्थायी सफाईकर्मी नियुक्त किया। ऐसे में मैना देवी की आर्थिक स्थिति में सुधार तो हुआ लेकिन फर्ज निभाना नहीं भूले। काम को सेवा माना जाता था। सफाई के लिए हमेशा तैयार। नगर पालिका के स्वच्छता निरीक्षक प्रह्लाद मटोरिया का कहना है कि नगर पालिका में कुल 75 सफाई कर्मचारी हैं, जिनमें नंबर दिए जाएं तो मैना देवी पहले नंबर पर हैं. वह इतनी वफादार है कि वह इसे अपना कर्तव्य मानने के बजाय अपना कर्तव्य समझती है। इनमें से किसी भी वार्ड में मैना देवी को सफाई कार्य के लिए भेजा जाता है, जहां उनके नेतृत्व में अन्य सफाई कर्मचारी भी सफाई का काम करते हैं। मुझे उस क्षेत्र का निरीक्षण करने की कोई आवश्यकता नहीं है जहां वह सफाई के लिए जाती है, बस इतना है कि इस वार्ड में सफाई कार्य की जिम्मेदारी मैना देवी को सौंपी गई है। दो बार हो चुके हैं सम्मानित : मैना देवी को उनके कार्य के प्रति निष्ठावान रहने के लिए दो बार अनुमंडल प्रशासन द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें इस काम के लिए 2015 के गणतंत्र दिवस समारोह और 2019 के स्वतंत्रता दिवस समारोह में सम्मानित किया गया था। नगर पालिका द्वारा कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है।
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