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शातिर दिमाग और तकनीक की मदद से B.Tech स्टूडेंट ने बना डाली 82 फेक Websites! फिर पूरे देश में लूटे करोड़ों रूपए, जानिए पूरा मामला

 
शातिर दिमाग और तकनीक की मदद से B.Tech स्टूडेंट ने बना डाली 82 फेक Websites! फिर पूरे देश में लूटे करोड़ों रूपए, जानिए पूरा मामला 

राजस्थान में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि पुलिस-प्रशासन अभियान चलाकर साइबर ठगी पर नकेल कसने की कोशिश कर रहा है। लेकिन साइबर ठगी के ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिन्हें जानकर हर कोई हैरान है। ताजा मामले में एक बीटेक छात्र पकड़ा गया है। जो साइबर ठगी का मास्टरमाइंड निकला। छात्र ने सरकारी और निजी कंपनियों की फर्जी वेबसाइट बनाकर देशभर के लोगों से करोड़ों रुपए ठगे हैं। पकड़ा गया आरोपी झारखंड का रहने वाला है।

फ्रेंचाइजी देने के नाम पर ठगी
डूंगरपुर जिले की साइबर थाना पुलिस ने अपने साथियों के साथ मिलकर विभिन्न ब्रांडेड कंपनियों की फर्जी वेबसाइट बनाकर और फ्रेंचाइजी देने के नाम पर देशभर के लोगों से करोड़ों रुपए ठगने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपी बीटेक तृतीय वर्ष का छात्र है और अब तक 80 से ज्यादा कंपनियों और सरकारी विभागों से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर ठगी के लिए अपने साथियों को बेच चुका है। फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।

पीड़ित ने दर्ज कराया था मामला
मामले के अनुसार डूंगरपुर शहर के शिवाजी नगर निवासी प्रशांत चौबीसा ने 18 नवंबर 2024 को डूंगरपुर साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें बताया था कि उसने फेसबुक पर टाटा जूडियो कंपनी की फ्रेंचाइजी देने का विज्ञापन देखा। इसके बाद प्रशांत ने विज्ञापन में दिए गए नंबर और मेल आईडी पर संपर्क किया। इस दौरान किसी अज्ञात व्यक्ति ने प्रशांत से टाटा जूडियो कंपनी की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर 24 लाख 24 हजार 500 रुपए की ठगी कर ली। पीड़ित की रिपोर्ट पर साइबर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पीएम मुद्रा लोन से लेकर जन आवास योजना की फर्जी वेबसाइट तक
पुलिस जांच के बाद मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ। पुलिस ने ठगी के आरोप में झारखंड के गोड्डा जिले की रहने वाली रितु आनंद को गिरफ्तार किया है। रितु आनंद आईटी की छात्रा होने के साथ फिलहाल छत्तीसगढ़ के भिलाई स्थित एक कॉलेज में बीटेक तृतीय वर्ष की छात्रा है। रितु आनंद ने बीएसएनएल टावर लगाने, सीएनजी पंप लगाने, जन आवास योजना और पीएम मुद्रा लोन समेत 80 से ज्यादा ब्रांडेड कंपनियों और सरकारी विभागों से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाई। ठगी करने के लिए उसने अपने साथियों को फर्जी वेबसाइट और मेल आईडी बेची। इन वेबसाइट का विज्ञापन फेसबुक, इंस्टाग्राम और गूगल एड पर दिया जाता था, जहां से लोग किसी बड़ी कंपनी की फ्रेंचाइजी लेने या किसी सरकारी योजना का लाभ दिलाने के नाम पर ठगी का शिकार बनते थे। डूंगरपुर साइबर थाना पुलिस का दावा है कि गिरफ्तार आरोपी और उसके साथियों ने देशभर में लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी की है। फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है और उसके अन्य साथियों की तलाश की जा रही है।