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Dungarpur नहर निर्माण के 20 साल बाद सागवाड़ा पहुंचेगा पानी, सुरंग की सफाई शुरू

 
Dungarpur नहर निर्माण के 20 साल बाद सागवाड़ा पहुंचेगा पानी, सुरंग की सफाई शुरू

डूंगरपुर न्यूज़ डेस्क, आखिरकार सागवाड़ा डूंगरपुर जिले के 1500 गांवों के लिए वह शुभ घड़ी आ ही गई, जिसका यहां के करीब 4 लाख लोग 20 साल से इंतजार कर रहे थे। भीखा भाई नहर के जरिए माही डैम का पानी बहुत जल्द सागवाड़ा पहुंचने वाला है। सोमवार रात 12 बजे पानी दामोरवाड़ा पहुंच गया था। सागवाड़ा से पानी महज 10 किलोमीटर दूर है। यहां पानी पहुंचने के बाद इसे लोडेश्वर डैम ले जाया जाएगा।

लोगों को सिंचाई और पेयजल के लिए यह पानी मिलेगा। जिला प्रशासन और जल संसाधन विभाग नहर की सफाई करवा रहा है। यह नहर आसपुर रोड को क्रॉस करके नंदौर से योगींद्र गिरी तीर्थ क्षेत्र से गोदारी होते हुए लोडेश्वर डैम पहुंचती है। आसपुर रोड को पार करने के लिए करीब 700 मीटर लंबी और करीब 15 फीट ऊंची भूमिगत सुरंग बनाई गई है। सीमेंट-कंक्रीट से बनी सुरंग की जेसीबी और ट्रैक्टरों से सफाई की जा रही है। 19 अप्रैल को काब्जा के साकरिया फला में नहर टूट गई थी, जिसे दुरुस्त कर दिया गया है। अब माही का पानी 43 किलोमीटर तक पहुंच गया है। वर्तमान में सागवाड़ा शहर सहित कई गांवों में 48 घंटे और 72 घंटे में एक बार पानी की आपूर्ति की जा रही है। इस नहर से साबला, सागवाड़ा, आसपुर ब्लॉक का कुछ हिस्सा, गलियाकोट का कुछ हिस्सा और चिखली ब्लॉक के कुछ हिस्से में सिंचाई सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। वर्ष 2004 में माही बांध का पानी सागवाड़ा और कुआं तक लाने के लिए भीखाभाई नहर की घोषणा की गई थी। वर्ष 2005 में नहर का काम शुरू हुआ था। मुख्य नहर का काम वर्ष 2020-2021 में समाप्त हो गया, लेकिन छोटी नहरों का काम अभी भी बाकी है।

नहर की कुल लागत 290 करोड़ रुपए थी। इसकी मरम्मत पर अब तक 22 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। नहर की कुल लागत 312 करोड़ रुपए थी। अलग-अलग समय पर विभिन्न स्रोतों से बजट प्राप्त हुआ। जिसका उपयोग मरम्मत के लिए किया गया। माही बांध से अंतिम छोर तक नहर की कुल लंबाई 185.84 किमी है। बांसवाड़ा जिले में इसकी लंबाई 65 किमी और डूंगरपुर जिले में कुएं तक इसकी लंबाई 120.84 किमी है। डूंगरपुर जिले में बोरेश्वर निठाउआ से कुएं तक इस नहर की लंबाई 120.84 किमी है। बांसवाड़ा के माही बांध से यह पानी करीब 65 किमी दूर बोरेश्वर में बने साइफन में आता है। यहां से यह पानी करीब 70 किमी का सफर तय कर सागवाड़ा पहुंचेगा। पेयजल के लिए लोडेश्वर बांध में पानी पहुंचाया जाएगा। 27000 हेक्टेयर कमांडिंग क्षेत्र को फायदा होगा। जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता धीरज जौहरी ने बताया कि इस सीजन में माही बांध से करीब 50 एमसीएफटी पानी दिया जाएगा। इसके बाद मांग के अनुसार देंगे। एसई आरसी मीना ने बताया कि रोजाना 400 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है और करीब 60 तालाबों में भी पानी भर दिया गया है। सिंचाई विभाग के मोहित पाटीदार का कहना है कि 2018 में आरा में पानी आया था। हालांकि इसके बाद नहर में जलापूर्ति नहीं की गई है। इसके बाद 19 अप्रैल 2024 को कचरा घाटी के पास पानी पहुंचा था। लेकिन काब्जा के साकरिया फला के पास नहर टूटने से पानी का बहाव बंद हो गया था। 3 दिन बंद रहने के बाद फिर से सप्लाई शुरू हो गई है।