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राजस्थान में गहराया जलसंकट, सूखे नल और तालाब, ग्रामीण मंगवा रहे पानी के टैंकर

 
राजस्थान में गहराया जलसंकट, सूखे नल और तालाब, ग्रामीण मंगवा रहे पानी के टैंकर 

डूंगरपुर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान के डूंगरपुर जिले में जलदाय विभाग और प्रशासन ने गर्मी में पानी की किल्लत से निपटने के लिए अपना प्लान बना लिया है. प्रशासन ने 672 गांवों में टैंकर से पानी की सप्लाई की योजना बनाई है, जिसके तहत अप्रैल माह से चयनित गांवों में मांग के अनुरूप टैंकर से पानी की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी. इस दौरान गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए पानी की सप्लाई करने वाले टैंकर्स पर भी विशेष निगरानी रखी जाएगी.

मवेशियों के लिए पानी पर अलट से प्लानिंग

दरअसल, डूंगरपुर जिले में गर्मी अपना असर दिखाने लगी है. पारा 40 डिग्री को छूने लगा है. गर्मी के साथ ही पानी का संकट भी बढ़ने लगा है. शहर से लेकर गांवों तक पानी की किल्लत शुरू हो गई है. भूजल स्तर जमीन में सबसे नीचे पहुंच गया है. शहर में पानी के प्राइवेट टैंकर शुरू हो गए हैं, लेकिन गांवो में स्थिति बिगड़ती जा रही है. गर्मी को देखते हुए पानी की समस्या से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने जलदाय विभाग के साथ मिलकर योजना तैयार की है. डूंगरपुर कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने बताया कि विभाग की ओर से प्रत्येक ब्लॉक में पानी की गंभीर समस्या वाले गांवों को चिन्हित किया गया है. जिले में ऐसे 672 गांव हैं, जहां टैंकरों से पानी सप्लाई की योजना है. इसके अलावा भी किसी दूसरे गांव में भी पानी की टैंकर से सप्लाई की जरूरत हुई तो एसडीएम, बीडीओ और जलदाय विभाग की टीम मिलकर काम करेगी, जिससे लोगों को गर्मी में पानी की किसी भी तरह की समस्या नहीं आए. कलेक्टर ने ये भी बताया कि कई जगह पर मवेशियों के लिए पानी की समस्या भी आई है, उसके लिए भी अलग से प्लानिंग की गई है.

औसत से कम बारिश से सुख गए जलस्रोत

जलदाय विभाग के पूर्व ईएन मूलचंद रोत ने बताया कि इस बार मानसून की बेरुखी की वजह से डूंगरपुर में जल स्त्रोत में पानी नहीं बचा है. जिलेभर में औसत से काफी कम बारिश हुई है, जिस वजह से मार्च में ही जल स्त्रोत सुख गए या फिर नाम मात्र का पानी बचा है. शहर में जलापूर्ति के लिए सबसे बड़े जलस्रोत डीमिया ओर एडवर्ड समंद बांध में भी पानी सूखने लगा है. एडवर्ड पूरी तरह सूखने लगा है तो डीमिया में मुश्किल से महीनेभर का पानी ही बचा है. वहीं गांवों के छोटे बड़े और तालाबों में भी पानी नहीं के बराबर बचा है. शहर में निजी बोरवेल, कुएं, हैंडपंप भी सुख गए हैं. पानी का स्तर 300 फीट से भी नीचे चला गया है. जलदाय विभाग की ओर से अभी 96 घंटे (4 दिन) में एक बार पानी की सप्लाई हो रही है, जिससे पानी की समस्या बढ़ती जा रही है. इससे निपटने के लिए टैंकरों से पानी सप्लाई की जाएगी. टैंकरों से पानी पहुंचाने के लिए टेंडर कर दिए गए हैं.

शहर में प्राइवेट टैंकर शुरू, प्रशासन टेंडरों में अटका

शहर में पेयजल किल्लत शुरू हो चुकी है. शहर के प्रतापनगर कॉलोनी, हाउसिंग बोर्ड, इंद्रा कॉलोनी, पत्रकार कॉलोनी जैसी सभी कॉलोनियों में पानी की समस्या बढ़ गई है. 300 फीट तक गहरे बोरवेल भी सुख गए हैं. जो बोरवेल चालू हैं उसमें महज 5 मिनट तक ही पानी आने के बाद हवा फैंकने लगे हैं. ऐसे में शहर में पानी के लिए प्राइवेट टैंकर हो गए हैं. एक टैंकर पानी के लिए 500 से हजार रुपए या इससे ज्यादा लिए जा रहे हैं. ये टैंकर शहर में कई जगहों पर पानी भरने के बाद घरों पर सप्लाई की जा रही है.

आइए जानते है किस ब्लॉक में कितने गांव

1. झोंथरी : 111 गांव
2. बिछीवाड़ा : 130 गांव
3. सीमलवाड़ा : 48 गांव
4. चिखली : 71 गांव
5. सागवाड़ा : 210 गांव
6. गलियाकोट : 60 गांव
7. आसपुर : 6 गांव
8. साबला: 6 गांव