राजस्थान के इस जिले में अनोखी होली परंपरा! घंटों तक लोगों ने एक-दूसरे पर बरसाए गोबर के उपले, जानिए क्या है वजह ?
डूंगरपुर न्यूज़ डेस्क - होली के पांचवें दिन रंग पंचमी पर मंगलवार को सागवाड़ा में कंडो (गाय के गोबर के उपले) की राड़ खेली गई। युवकों के दो गुटों ने एक-दूसरे पर जमकर लाठियां बरसाईं। इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़े। आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में होली को लेकर अनूठी परंपराएं हैं।इन्हीं में से एक है कंडो की राड़। सागवाड़ा कस्बे के पुराने बस स्टैंड पर कंडो की राड़ का आयोजन किया गया।
नेहरू पार्क के पास मुख्य सड़क पर बड़ी संख्या में लोग ढोल कुंडी की थाप पर गैर खेलने के लिए उमड़े। इसके बाद युवकों के दो गुट बन गए। दोनों ओर लाठियों के ढेर लगाए गए और फिर देखते ही देखते युवकों ने एक-दूसरे पर लाठियां बरसानी शुरू कर दीं। करीब एक घंटे तक चली इस रोमांचकारी कंडो की राड़ को देखने के लिए सागवाड़ा सहित आसपास के कई गांवों के लोग उमड़े। वहीं सड़क के दोनों ओर खड़े लोगों को भी कई बार लाठियां लगीं। हालांकि इसमें कोई घायल नहीं हुआ। लोगों ने राड़ के इस खेल का भरपूर आनंद उठाया।
