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Dungarpur शहर में आचार्य अभिनन्दन सागर का नवम समाधि महोत्सव मनाया गया

 
Dungarpur शहर में आचार्य अभिनन्दन सागर का नवम समाधि महोत्सव मनाया गया 

डूंगरपुर न्यूज़ डेस्क, डूंगरपुर  सकल नरसिंहपुरा दिगंबर जैन समाज की ओर से अतिशय तीर्थ अभिनंदन साधना केंद्र त्रिमूर्ति शेषपुर मोड़ पर भगवान आदिनाथ निर्वाण एवं पट्टाचार्य वागड मेवाड गौरव समाधिस्थ आचार्य अभिनन्दन सागर महाराज का नवम समाधि महोत्सव मुनि आज्ञासागर महाराज एवं संघस्थ आर्यिका सुप्रज्ञामति माताजी, क्षुल्लक सुपर्व सागर के सानिध्य में विविध धार्मिक अनुष्ठान के साथ मनाया। प्रतिष्ठाचार्य विनोद पगारिया विरल सागवाडा के निर्देशन में गुरुवार देर शाम तक चले महोत्सव में समाधि स्थल पर गुरु भक्तों ने प्रात: देव आज्ञा ,गुरु आज्ञा के बाद विविध पूजा विधान संपन्न किए।

जिसमें नरेन्द्र कुमार व गजेन्द्र कुमार संघवी ईन्टाली खेडा द्वारा ध्वजारोहण किया ,मोहनलाल कचरावत करावली ने मण्डप उदघाटन किया। सौधर्म इन्द्र मोहनलाल विरदावत व सावन खोडनिया द्वारा आदिनाथ भगवान का अभिषेक व शान्तिधारा की गई। नवदेवता पूजा के बाद प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान के मोक्ष कल्याणक को लेकर तीर्थक्षेत्र में आदिनाथ भगवान के निर्वाण स्थल की प्रतिकृति कैलाश पर्वत पर निर्वाण लड्डू रमेश विरदावत बनकोडा द्वारा चढाया गया। मुनि आज्ञासागरजी ने मंत्र उच्चारण के साथ इन्द्र इन्द्राणियों के समूह द्वारा आचार्य अभिनन्दन सागर आचार्य छत्तीसी विधान मण्डल पर अष्ट द्रव्य श्रीफल युक्त अर्घ समर्पित किए।

र्म सभा का आयोजन

धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि आज्ञासागर महाराज ने आचार्य अभिनन्दन सागर महाराज के तपस्वी व सादगीपूर्ण जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए उनके बताए मार्ग पर चलने के लिए कहा। आज्ञा सागर महाराज का पाद प्रक्षालन मगनलाल करमेरा झल्लारा द्वारा किया गया, धनपाल शाह सरोदा द्वारा जिनवाणी भेट की गई। तीर्थ क्षेत्र पर निर्मित गुरु मन्दिर में स्थापित आचार्य अभिनन्दन सागर महाराज की प्रतिमा पर मंत्रोच्चारण के साथ श्रद्वालुओं द्वारा विविध द्रव्य पूरित कलशों से अभिषेक किया गया। कन्हैयालाल पंचोरी खेरवाड़ा द्वारा शान्तिधारा की गई। आचार्य की आरती का धर्म लाभ मोहनलाल विरदावत परिवार बनकोडा ने लिया। गुरु मन्दिर शिखर पर जैन समाज शेषपुर द्वारा ध्वजा परिवर्तन गई।इस अवसर पर चम्पालाल भूखिया, पीयूष सेठ, अशोक मेहता, ओम प्रकाश, पवन जगावत, सोहनलाल वरदावत, कान्तिलाल मेहता, धनपाल पगारिया, पूंजीलाल संघवी, गोर्वधन संघवी, शैलेष पंचोरी सहित संपूर्ण वागड़, छप्पन, मेवाड़ क्षेत्र के विभिन्न गांवों से बड़ी संख्या में समाज के पंच आदि उपस्थित रहे।