Aapka Rajasthan

Dungarpur विकास के नाम पर वसूली, सुविधाओं में अंतर बरकरार

 
Dungarpur विकास के नाम पर वसूली, सुविधाओं में अंतर बरकरार
डूंगरपुर न्यूज़ डेस्क, डूंगरपुर विकास शुल्क के नाम पर हर साल हजारों रुपए की राशि कॉलेज की तरफ से विद्यार्थियों से ली जाती है, लेकिन उस विकास शुल्क का उपयोग कॉलेज विकास के लिए नहीं हो पा रहा है। ऐसा ही मामला जिले में सामने आया है। यहां एसबीपी कॉलेज डूंगरपुर के पास विकास शुल्क का करीब दो करोड़ रुपये का फंड पड़ा है, लेकिन उसका उपयोग करने के लिए आयुक्तायल से अनुमति लेनी पड़ती है। कॉलेज के पास करीब दो करोड़ का बजट है, उसे सीधे खर्च करने का पॉवर नहीं है।

इस वजह से राशि का लंबे समय से उपयोग नहीं हो पा रहा है। यही स्थिति अन्य कॉलेज की भी है। वीकेबी कॉलेज के पास भी करीब 30 लाख से अधिक का बजट है, लेकिन वह राशि खर्च नहीं हो पाई है। गौरतलब है कि एसबीपी कॉलेज जिले का सबसे बड़ा कॉलेज है। यहां पर 8 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत है। लंबे समय से कॉलेज की जीर्ण-शीर्ण हो रही बिल्डिंग पर भी कुछ काम नहीं हो पाया है। साल 2012-13 में अन्तिम बार 72 लाख रुपये की राशि दी गई थी। इसके बाद से कोई राशि कॉलेज को नहीं मिली है। हाल ही में कॉलेज भवन का हिस्सा भी गिर गया था।

बजट पर्याप्त नहीं

एसबीपी कॉलेज के प्राचार्य डा. जीएल निनामा का कहना है कि विकास समिति के पास राशि पड़ी है, लेकिन उसके लिए आयुक्तालय से अनुमति लेनी पडेगी। कॉलेजों में काफी काम कराना है, जो राशि मौजूद है, वह पर्याप्त नहीं है। विकास शुल्क की राशि को तो कभी भी उपयोग में लिया जा सकता है। अभी कॉलेज के लिए 126 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बना कर भेजा गया है। कॉलेज की विंग खराब हो गई। इस बार राशि मिलने की उमीद है। इससे प्रशासनिक ब्लॉक, साइंस ब्लॉक, आर्ट्स ब्लॉक, खेल मैदान, लाइब्रेरी, इनडोर स्टेडियम कांफ्रेंस हॉल बनाने का प्लान है।ज्यादातर क्लासरूम जर्जर हो चुके हैं। महाविद्यालय में व्यायाताओं के 81 पद स्वीकृत हैं, वर्तमान में 16 स्थायी व्यायाता और 9 संविदा पर कार्यरत हैं। वर्तमान में कई मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।