Aapka Rajasthan

राजकुमार रोत का केंद्र सरकार पर बड़ा हमला, बोले 'चप्पल पहनने वाले कब करेंगे हवाई यात्रा...'

 
राजकुमार रोत का केंद्र सरकार पर बड़ा हमला, बोले 'चप्पल पहनने वाले कब करेंगे हवाई यात्रा...'

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान राजस्थान की बांसवाड़ा लोकसभा सीट से सांसद राजकुमार रोत ने देश की तमाम एयरलाइंस कंपनियों द्वारा मनमाने किराए वसूले जाने को लेकर संसद में बड़ा मुद्दा उठाया। डूंगरपुर-बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने गुरुवार को लोकसभा में हवाई यात्रा के दौरान विमान टिकटों में भारी अंतर का मुद्दा उठाया और सरकार से जवाब मांगा। उन्होंने कहा कि एक ही फ्लाइट की टिकट बुकिंग के दौरान एक ही फ्लाइट का किराया अलग-अलग होता है, जिसमें यात्रियों को जमकर लूटा जाता है।

एक ही जगह जाने के किराए में इतना अंतर क्यों?
संसद में सांसद राजकुमार रोत ने देश के नागरिक उड्डयन मंत्री से सवाल करते हुए कहा कि अगर एक ही फ्लाइट में यात्रा करनी है, लेकिन बुकिंग अलग-अलग समय पर होती है, तो किराए में इतना अंतर क्यों होता है? कभी किराया 10,000 रुपये, कभी 12,000 रुपये या 15,000 रुपये दिखाया जाता है। इसका आधार क्या है और सरकार इस पर क्या कदम उठा रही है? सांसद रोत ने यह भी कहा कि सरकार का यह तर्क कि एयरलाइंस स्वतंत्र रूप से अपना किराया तय करने के लिए स्वतंत्र हैं, यात्रियों के साथ अन्याय है। आज देश में अंग्रेजों द्वारा बनाए गए अन्य कानूनों को बदला जा रहा है, तो विमानन नियम 1937 के तहत एयरलाइंस को दी गई इस स्वतंत्रता को क्यों नहीं बदला जा रहा है? उन्होंने इस व्यवस्था को एक तरह की लूट करार दिया और कहा कि सरकार को इस पर नियंत्रण करने की जरूरत है।

नागरिक विमानन मंत्री ने बताया बढ़ते किराए का कारण
इस पर नागरिक विमानन मंत्री ने जवाब दिया कि हवाई किराया प्रणाली पूरी तरह से डायनेमिक किराया प्रणाली पर आधारित है, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनाया गया है। एयरलाइंस को मांग और आपूर्ति के आधार पर अपना किराया तय करने की स्वतंत्रता दी गई है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार इस पर नजर रख रही है और डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) के तहत एक टैरिफ मॉनिटरिंग यूनिट है, जो इस पूरी प्रक्रिया पर नजर रखती है।

इसके अलावा मंत्री ने कहा कि एयरलाइंस को हर सीजन की शुरुआत में डीजीसीए को अपना किराया टैरिफ शीट जमा करना होता है, ताकि महीने के दौरान किराए में अनावश्यक बदलाव न किया जा सके। इसके बावजूद किराए में जो अंतर दिख रहा है, वह मांग और ईंधन लागत के कारण है। फिलहाल 45 फीसदी किराया सिर्फ एयर टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) के महंगा होने की वजह से प्रभावित होता है।

राजकुमार रोत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा

राजकुमार रोत ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर सरकार वाकई जनता के हित में काम कर रही है तो उसे एयरलाइंस पर नियंत्रण करना चाहिए, ताकि आम नागरिकों को सस्ती उड़ान सेवा उपलब्ध कराई जा सके। इस पर नागरिक उड्डयन मंत्री ने उड़ान योजना का हवाला देते हुए कहा कि सरकार देश में सस्ती हवाई सेवाओं के लिए प्रयास कर रही है और इसका उद्देश्य छोटे शहरों को भी एयरलाइंस नेटवर्क से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि देश के कई राज्यों ने एविएशन फ्यूल पर टैक्स (वैट) कम कर दिया है, लेकिन कुछ राज्य अभी भी ज्यादा टैक्स लगा रहे हैं, जिसका असर हवाई किराए पर पड़ता है।

इस दौरान मंत्री के जवाबों से सभी सांसद संतुष्ट नहीं हुए और सदन में हंगामा किया। सांसद राजकुमार ने आरोप लगाया कि एक तरफ केंद्र सरकार दावा करती है कि वह इस क्षेत्र में सुधार के लिए लगातार काम कर रही है, वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के आम नागरिक की बात करते हुए नारा देते हैं कि हवाई चप्पल पहनने वाला हर व्यक्ति हवाई यात्रा करेगा, जबकि हकीकत यह है कि आज देश में सभी एयरलाइंस कंपनियों को किराया निर्धारित करने की पूरी आजादी दे दी गई है।