दिल्ली-मुंबई हाईवे पर भीषण हादसे से मची चीख-पुकार! ट्रक से टकराई बस, 2 यात्रियों की मौत कई घायल

डूंगरपुर न्यूज़ डेस्क - दिल्ली-मुंबई नेशनल हाईवे-48 पर खड़े ट्रक से एक निजी बस टकरा गई। इस हादसे में 2 बस यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई। छह यात्री घायल हैं। मृतकों में श्रावस्ती (यूपी) और भीलवाड़ा के युवक शामिल हैं। बस राजकोट (गुजरात) से बहराइच (यूपी) जा रही थी। सभी घायलों को डूंगरपुर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसा बुधवार सुबह 5 बजे डूंगरपुर से करीब 40 किलोमीटर दूर बिछीवाड़ा इलाके में हुआ।
सो रहे थे बस यात्री
बिछीवाड़ा थानाधिकारी कैलाश सोनी ने बताया- बस राजकोट (गुजरात) से यूपी जा रही थी। सुबह बिछीवाड़ा-उदयपुर रोड पर बौखला गांव के पास हाईवे किनारे खड़े ट्रक में बस पीछे से जा भिड़ी। सुबह का समय होने से सभी यात्री सो रहे थे। हादसे के बाद बस में जोरदार धमाका हुआ और चीख-पुकार मच गई। हादसे में यूपी के श्रावस्ती जिले के गिलौला निवासी गिरजेश कुमार (23) पुत्र बालक राम और भीलवाड़ा के कटेरा निवासी भरत (20) पुत्र धर्मजी की मौके पर ही मौत हो गई। दोनों के शव डूंगरपुर जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाए गए हैं।
परिजनों के आने के बाद होगा पोस्टमार्टम
बस हादसे में सुरेश पुत्र सुमाजी गुर्जर मंडल भीलवाड़ा, गोविंद पुत्र डोलाजी पटेल निवासी शिशोद बिछीवाड़ा (डूंगरपुर) समेत बस में सवार छह यात्री घायल हो गए। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस और 108 एंबुलेंस मौके पर पहुंची। पुलिस ने एंबुलेंस की मदद से घायलों को डूंगरपुर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस ने घटना की सूचना मृतकों के परिजनों को दे दी है। परिजनों के आने के बाद पोस्टमार्टम की कार्रवाई की जाएगी।
भाइयों ने बस में सेल्फी भी ली थी
श्रावस्ती निवासी गिरजेश कुमार राजकोट में पत्थर बनाने की खराद मशीन चलाते थे। वह होली का त्योहार मनाने अपने छोटे भाई विनय कुमार के साथ अपने गांव जा रहे थे। गिरजेश को बस में सीट भी नहीं मिली। वह गैलरी में बैठकर सफर कर रहे थे। दोनों भाइयों ने बस में चढ़ने के बाद सेल्फी भी ली थी। अफसोस की बात यह रही कि यह उनकी आखिरी तस्वीर रही।
तीन बहनों में इकलौता भाई था भरत
भरत आज दोपहर तक भीलवाड़ा अपने घर पहुंचने वाला था। बेटे के घर आने की खुशी में परिजन उसका इंतजार कर रहे थे। सुबह होते ही फोन पर उसकी मौत की खबर सुनकर परिवार में मातम छा गया। भरत गुजरात में एक कंपनी में काम करता था। वह तीन बहनों में इकलौता भाई था। भरत होली का त्योहार मनाने भीलवाड़ा अपने घर जा रहा था। मंगलवार को उसने परिजनों से फोन पर बात की थी और होली पर घर आने की बात कही थी।
डूंगरपुर जिले में सड़क हादसों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। जिले में सड़क सुरक्षा के प्रति लापरवाही के कारण सड़क हादसों में लोगों की जान जा रही है। डूंगरपुर जिले में 2 साल में 1 हजार 61 सड़क हादसे हो चुके हैं। इनमें 524 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि 1 हजार 59 लोग घायल हुए हैं। हालांकि डूंगरपुर पुलिस और जिला प्रशासन विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों और सख्ती के जरिए इन आंकड़ों को कम करने की कोशिश कर रहा है।