डूंगरपुर के गर्ल्स हॉस्टल से आधी रात में पकड़ा गया अधिकारी, वीडियो में देखें पूरा मामला
डूंगरपुर न्यूज़ डेस्क, समाज कल्याण विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर अशफाक खान तीन दिन से सावित्री बाई फुले गर्ल्स हॉस्टल में रात बिता रहे थे। इसकी भनक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं को लगी। मंगलवार (22 जनवरी) आधी रात को कार्यकर्ता हॉस्टल पहुंचे और असिस्टेंट डायरेक्टर को कमरे से बाहर निकाला। उन्होंने बाकायदा कलेक्टर अंकित कुमार सिंह को कॉल कर इसकी सूचना दी। कलेक्टर ने असिस्टेंट डायरेक्टर को फौरन हॉस्टल से बाहर जाने के लिए कहा। साथ ही, नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया गया है। यह पूरा मामला डूंगरपुर शहर के वसुंधरा विहार इलाके का है।
वसुंधरा विहार स्थित सावित्री बाई फुले गर्ल्स हॉस्टल में मंगलवार रात करीब 12 बजे खूब हंगामा हुआ। यहां एसटी वर्ग की 40 छात्राएं रहती हैं। आरोप है कि शहर में समाज कल्याण विभाग के दो बॉयज हॉस्टल होने के बावजूद असिस्टेंट डायरेक्टर गर्ल्स हॉस्टल में रुके हुए थे। ABVP के राष्ट्रीय सदस्य हर्षित ननोमा ने बताया- शहर के सावित्री बाई फुले गर्ल्स हॉस्टल में किसी अधिकारी के अवैध रूप के रुकने की शिकायत मिली थी। एबीवीपी के जिला संगठन मंत्री रामकृष्ण मेहता, जिला संयोजक महिपाल गमेती, जनजाति प्रमुख राजेंद्र खराड़ी और संजय खराड़ी रात करीब 12:30 बजे हॉस्टल पहुंचे। इससे पहले पुलिस को भी सूचना दी गई।
हॉस्टल गेट पर आवाज लगाने पर वार्डन गेट पर आए। वार्डन से अधिकारी के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि जिला अधिकारी (कलेक्टर) यहां रुके हुए हैं। एबीवीपी कार्यकर्ता मोबाइल कैमरा चालू रखते हुए हॉस्टल में गए और कमरे में रुके अधिकारी को पकड़ा। अधिकारी ने खुद को समाज कल्याण का डिप्टी डायरेक्टर अशफाक खान बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि हॉस्टल का निरीक्षण करने आया हूं। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने 3 दिन से हॉस्टल में ठहरने के बारे में पूछा। कभी ट्रांसफर होकर आने तो कभी कमरा नहीं मिलने की बात अशफाक खान कहने लगे। इस पर कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई।
मौके से कलेक्टर से की बात
हर्षित ननोमा ने बताया- मौके से ही जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह को फोन कर घटना के बारे में बताया। इस पर कलेक्टर ने भी किसी अधिकारी के गर्ल्स हॉस्टल में ठहरने पर नाराजगी जताई और उन्हें तुरंत ही वहां से जाने के लिए निर्देश दिए। इसके अलावा महिला पुलिसकर्मियों को भी हॉस्टल पर तैनात करने की बात कही। एबीवीपी के राष्ट्रीय सदस्य हर्षित ननोमा ने बताया कि हॉस्टल में छात्राएं रहती हैं। सरकार के सख्त आदेश हैं कि किसी भी गर्ल्स हॉस्टल में कोई पुरुष अधिकारी रात के समय नहीं रह सकता है। बावजूद इसके विभागीय अधिकारी 3 बॉयज हॉस्टल को छोड़कर गर्ल्स हॉस्टल में ही रुके हुए थे। इससे छात्राओं की प्राइवेसी पर भी असर पड़ता है।डिप्टी डायरेक्टर अशफाक खान ने कहा- मैं समाज कल्याण विभाग का अधिकारी हूं। विजिट करने आया था। इसलिए मैं हॉस्टल में रुका था।