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Dungarpur पालकी यात्रा बेणेश्वर धाम से साबला पहुंची, मेले का समापन

 
Dungarpur पालकी यात्रा बेणेश्वर धाम से साबला पहुंची, मेले का समापन

डूंगरपुर न्यूज़ डेस्क, डूंगरपुर माघ शुक्ल एकादशी से शुरू हुए बेणेश्वर मेले का गुरुवार को समापन हो गया। महंत अच्युतानंद महाराज की ओर से सतरंगी ध्वजावतरण किया। इसके बाद भगवान निष्कलंक और संत मावजी महाराज के जयकारे लगाते हुए पालकी यात्रा वापस बेणेश्वर से साबला पहुंची और मेले विधिवत समापन हुआ। मेले में आए दुकानदार भी सामान समेटकर जाने लगे हैं।

मेले के समापन पर गुरुवार को पालकी यात्रा साबला पहुंची।

सोम, माही ओर जाखम नदियों के त्रिवेणी संगम बेणेश्वर धाम पर 10 दिनों से चल रहे मेले में लाखों श्रद्धालु अब तक दर्शन कर चुके हैं। त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालुओं की ओर से राधा कृष्ण मंदिर, शिवालय, व्रम्हाजी मंदिर और वाल्मीकि मंदिरों में दर्शन किए। वहीं, मेले में लगी दुकानों पर खरीदारी हो रही है। माघ शुक्ल पूर्णिमा पर महंत अच्युतानंद महाराज की पालकी यात्रा साबला से बेणेश्वर धाम पहुंची थी। मेले के समापन पर गुरुवार को यही पालकी यात्रा साबला पहुंची।

महंत अच्युतानंद महाराज मेले ने राधा कृष्ण मंदिर पर मेले के उद्घाटन में फहराई सतरंगी ध्वजा अवतरण किया। भगवान निष्कलंक की पूजा अर्चना के बाद हजारों मावभक्तों के साथ पालकी यात्रा बेणेश्वर से रवाना हुई। संत मावजी महाराज के जयकारे लगाते हुए पालकी यात्रा साबला पहुंची। जहां पर साबला जैन समाज के अध्यक्ष राजमल सेठ ने महाराज का तिलक लगाकर स्वागत किया। इसके बाद साबला हरी मंदिर पहुंची। मेले में लगी दुकानों के व्यापारी भी अपना सामान बेचकर दुकान बंद कर जाने के फिराक में नजर आए।