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Dungarpur जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से वर्दी के लिए आवेदनों में आई कमी

 
Dungarpur जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से वर्दी के लिए आवेदनों में आई कमी
डूंगरपुर न्यूज़ डेस्क, डूंगरपुर अध्यापन के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान पर हर वर्ष पांच सितबर को शिक्षक दिवस मनाते हुए ब्लॉक, जिला एवं राज्य स्तर पर शिक्षकों को प्रदेश सरकार की ओर से समानित किया जाता है। लेकिन, इस बार शिक्षा विभाग के निदेशालय स्तर से बरती गई देरी की लापरवाही ने शिक्षक समान के प्रति शिक्षकों का मोहभंग कर दिया है। स्थितियां ये है कि सात दिन में पूरी प्रक्रिया पूर्ण के निर्देशों ने शिक्षकों एवं शिक्षाधिकारियों की राजकीय अवकाशों में भी दौड़ लगवाई। हालात ये हैं कि जिले में अपेक्षित आवेदन ही नहीं आ पाए।

डूंगरपुर में मिले सिर्फ 46 आवेदन

निदेशालय ने इस बार आवेदन बहुत विलंब से जारी किए थे। विभाग ने 17 अगस्त को आवेदन जारी किए तथा शिक्षकों को महज पांच दिन दिए थे। उन्हें 22 के पहले अपना आवेदन ऑनलाइन पोर्टल पर जमा करना था। इतने कम समय में अंक आधारित आवेदन तैयार करना काफी चुनौती भरा कार्य है। साथ ही अंकों के सत्यापन के लिए प्रमाण भी संलग्न करने होते हैं। इसके चलते इस बार डूंगरपुर जिले से अपेक्षित आवेदन नहीं आ पाए। स्थितियां ये रही कि जिले में ब्लॉक, जिला एवं राज्य स्तर आदि के लिए 46 ही आवेदन आए हैं, जिसमें से 36 समानित होने तय हैं।

तीन श्रेणियों में अवार्ड

सरकार ने अधिक से अधिक शिक्षकों को प्रतिनिधित्व देने के लिए समान समारोह तीन स्तर पर करवाए जाने की व्यवस्था की है। इसमें ब्लॉक, जिला एवं राज्य स्तर तय करने के साथ ही कक्षा एक से पांच, छह से आठ एवं नौ से 12 तीन श्रेणी की है। हर श्रेणी के एक शिक्षक को ब्लॉक, जिला एवं राज्य स्तर पर समानित किया जाता है। हर जिले से उत्कृष्ट कार्य पर तीन शिक्षकों को उनकी-उनकी श्रेणी के लिए राज्य स्तर पर समानित करने के प्रावधान है। ऐसे में बात डूंगरपुर की करें, तो यहां 10 ब्लॉक हैं। इसके तहत तीन श्रेणियों से कुल 30 शिक्षक ब्लॉक, जिला स्तर पर तीन तथा राज्य स्तर पर तीन के हिसाब से कुल 36 शिक्षकों का समान करने के निर्देश हैं। पर, इस वर्ष बहुत कम आवेदन आए हैं।

पुराने पिछड़ रहे, नए अव्वल...

समान आवेदन में शिक्षकों से स्वयं के शैक्षिक एवं प्रशैक्षिक योग्यता का ब्यौरा भी मांगा जा रहा है। इसमें प्राप्तांक प्रतिशत के आधार पर अंक दिए जाते हैं। शिक्षकों का कहना है कि पहले और मौजूदा मूल्यांकन पद्धति में काफी बदलाव आया है। नए शिक्षकों के प्राप्तांक प्रतिशत सत्रांकों के चलते अच्छे आते हैं। वहीं, पुरानों के कम है। इससे नए शिक्षक पिछड़ रहे हैं।

15 दिन का समय मिलें

राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश उपाध्यक्ष डा. ऋषिन चौबीसा एवं जिला प्रवक्ता राजेन्द्रसिंह चौहान ने कहा कि विभाग ने इस बार खेल और शिविरा पंचांग भी देरी से जारी किया था। इसी तरह अवार्ड के आवेदन जारी करने में भी देरी की। इससे कई शिक्षक आवेदन करने से ही वंचित रह गए। विभाग को आवेदन के लिए कम से कम 15 दिन का समय देना चाहिए। समय जरूर कम मिला है। पर, हमारे पास आवेदन जिनके भी आए है वह काफी अच्छे आए हैं और कमेटी तय टाइम फ्रेम में कार्य पूर्ण कर आवेदन निदेशालय को प्रेषित कर दिए थे।