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डूंगरपुर: शहर को पानी देने वाला मांडवा गांव खुद पीने के पानी के लिए तरस रहा

 
डूंगरपुर: शहर को पानी देने वाला मांडवा गांव खुद पीने के पानी के लिए तरस रहा

मांडवा गांव, जो डूंगरपुर शहर को पानी की सप्लाई करता है, खुद पानी की कमी से जूझ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में रियासतकाल से बने डीमिया बांध से प्रतिदिन शहर को लगभग 15 लाख लीटर पानी की आपूर्ति की जाती है, लेकिन इसके बावजूद मांडवा के लगभग 400 परिवारों को पर्याप्त पीने का पानी नहीं मिल रहा है।

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में लंबे समय से पाइपलाइन और जल वितरण की उचित व्यवस्था नहीं है। कई परिवारों को दिनभर पानी के लिए लाइन में खड़ा होना पड़ता है और कुछ को केवल सीमित मात्रा में ही पानी मिलता है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि शहर की जरूरतों को पूरा करने के लिए पानी सीधे शहर भेजा जाता है, जिससे गांव के लोग ही पानी के लिए तरसते हैं।

स्थानीय ग्राम प्रधान ने कहा, “हमारे गांव के लोग शहर के लिए पानी उपलब्ध करवा रहे हैं, लेकिन अपने घरों में साफ पानी तक नहीं है। कई बार महिलाओं और बच्चों को दूर से पानी लाने के लिए घंटों पैदल चलना पड़ता है। यह स्थिति चिंताजनक है और तत्काल समाधान की आवश्यकता है।”

डूंगरपुर जल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शहर की आपूर्ति प्राथमिकता के आधार पर की जाती है और ग्रामीण क्षेत्र में पाइपलाइन सुधार कार्य प्रगति पर है। अधिकारी ने आश्वासन दिया कि जल्द ही मांडवा गांव के लिए अतिरिक्त जल व्यवस्था की जाएगी, ताकि गांव के लोग भी पर्याप्त पानी प्राप्त कर सकें।

विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पानी का असंतुलन लंबे समय से समस्या बनता जा रहा है। मांडवा गांव की स्थिति इसी असंतुलन का उदाहरण है, जहां गांव के जल स्रोत से शहर की आपूर्ति होती है, लेकिन गांव के लोग खुद पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं।

ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि मांडवा गांव में जल वितरण की प्राथमिकता तय की जाए और शहर की आपूर्ति के साथ-साथ गांव के लोगों के लिए भी पर्याप्त पानी उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि अगर समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो भविष्य में जल संकट और गंभीर हो सकता है।

मांडवा गांव की यह स्थिति डूंगरपुर जिले के लिए एक गंभीर चेतावनी भी है। शहर और गांव के बीच पानी का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है, ताकि ग्रामीण भी शहर की आपूर्ति के साथ-साथ अपने रोजमर्रा के जीवन के लिए जल संसाधनों का उचित उपयोग कर सकें।