Dungarpur गैप सागर झील के किनारे मॉर्निंग वॉक बंद, शराबी जमाते हैं डेरा
डूंगरपुर न्यूज़ डेस्क, डूंगरपुर नगर परिषद के पूर्व बोर्ड ने शहर के तहसील चौराहे पर गैप सागर झील के निकट करीब आधे किमी की लंबी वॉर्किंग ट्रेक का निर्माण करवाया गया था। लेकिन वर्तमान में यह परिषद के अनदेखी का शिकार हो रहा है। अब यहां पर पर्यटक तो नहीं आते है लेकिन अब यह शराबियों का ऐशगाह केंद्र बन गया है। शाम होते ही असमाजिक तत्वों को यहां पर डेरा लगाना शुरू हो जाता है।शराब पीने के बाद बोतलों को ट्रेक पर फोड़ने से जगह जगह पर कांच बिखरे पड़े हुए है। परिषद के अनदेखी और रखरखाव कार्य के चलते ट्रेक जंगली घास उगी चुकी है। ट्रेक पर किनारे कई प्रकार के फूलों लदे गमले भी लगाए थे जिन्हें असमाजिक तत्वों ने तोड़ फोड़ दिए है।
दीवारों पर शहर के बच्चों ने विभिन्न प्रकार की वॉल पेंटिंग कर भारत माता, बादल महल, फहतेगढ़ी, बर्ड सेंचुरी पार्क सहित शहर के विभिन्न पर्यटक स्थल केंद्र की पेंटिंग के जरिए शहर की स्वच्छता और सुंदरता की दर्शाता गया था लेकिन अब पूरी तरह से धुंधली हो चुकी है। दरअसल पूर्व सभापति के कार्यकाल में वर्ष 2020 में तहसील चौराहे के निकट गैप सागर पाल वॉकिग ट्रेक का निर्माण किया था। इसके साथ ही यहां पर करीब 1.50 लाख रुपए के लाफिंग गैलरी का निर्माण कराया। लेकिन दो साल में 2022 में परिषद की ओर से सभी लाफिंग गैलरी में लगे 12 कांचों को यहां से हटा दिया गया।
इसके चलते ट्रेक पर पर्यटकों आना बंद होने के बाद परिषद ने वॉकिंग ट्रेक दरवाजों पर ताले जड़ कर बंद कर दिया। देशभर में अपनी अलग पहचान बनाने वाले डूंगरपुर शहर को देखने के लिए रोजाना देशी और विदेशी पर्यटकों को जमघट लगा रहता है। ऐसे में यहां आने वाले पर्यटकों की सहायता के लिए परिषद की ओर से पर्यटन सहायता केंद्र बनाया गया। केंद्र पर शहर की विभिन्न सुंदर और घूमने वाले स्थानों दूरियों के अलावा मदद के लिए कर्मचारी भी बिठाया गया।करीब तीन साल तक परिषद ने पर्यटन सहायता केंद्र चलता रहा लेकिन परिषद की ओर से धीरे धीरे सहायता केंद्र पर ताले जड़ने का काम कर दिया। जिसके चलते अब शहर में आने वाले पर्यटक शहर के बारे में जानकारी नहीं मिलने से गेपसागर पाल और फतेहगढ़ी घूमकर चले जाते है। जबकि शहर में ही करीब 10 से 12 अधिक पर्यटक स्थल मौजूद थे। जहां पर अब एक्का दुक्का पर्यटक आ रहे है। वर्तमान में इसके यह है हाल।
