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Dungarpur बाल वैज्ञानिकों का चमत्कार, सोच से दिखाई नई राह

 
Dungarpur बाल वैज्ञानिकों का चमत्कार, सोच से दिखाई नई राह
डूंगरपुर न्यूज़ डेस्क, डूंगरपुर एक आइडिया पर काम शुरू किया तो इसके बेहतर परिणाम भी सामने आए। जिला स्तर की प्रदर्शनी में सराहना मिली, तो अब राज्य स्तर के सफर के लिए कदम बढ़ने शुरू हुए। जी हां ये कहानी है जिले के बाल वैज्ञानिकों की, जिन्होंने इंस्पायर अवार्ड के प्लेटफार्म पर प्रतिभा साबित करने का मौका मिला तो अपने हुनर को भी बेहतर ढंग से बताया।

अब विभाग लगाए पंख...

इंस्पायर अवार्ड के लिए कुल 73 विद्यार्थियों का नॉमिनेशन हुआ था। इसमें से 42 विद्यार्थियों ने जिला स्तर पर अपने मॉडल फलोज में हुई जिला स्तरीय प्रदर्शनी में प्रस्तुत किए। इसमें निर्णायकों ने विद्यार्थियों की स्व की सोच एवं मॉडल प्रस्तुतीकरण के आधार पर पांच का चयन किया। एक मॉडल राउमावि ससलई की छात्रा अनिता पुत्री सुखलाल कलासुआ का चयनित हुआ है। इसमें छात्रा ने इको फेण्डली कूलर तैयार किया है। चयनित पांचों मॉडल अब राज्य स्तर पर प्रदर्शन किए जाएंगे। विभाग की जिमेदारी है कि विद्यार्थियों की इस वैज्ञानिक सोच को पंख लगाए।

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बच्चों की सोच कहां तक पहुंच सकती है इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। दृष्टिबाधित व्यक्तियों के मार्ग में कोई वस्तु आने पर उन्हें सीधे ही बीप की आवाज सुनाई दें इसके लिए अक्षर एकेडमी सीमलवाड़ा के कक्षा दस के छात्र हर्षित वैष्णव पुत्र गजेन्द्र वैष्णव ने स्पेक्ट्रल फॉर ब्लाइंड पर्सन मॉडल तैयार किया। प्रधानाचार्य राजेन्द्रसिंह चौहान एवं शिक्षक मयूरराज सिंह चौहान के मार्गदर्शन में तैयार किए इस मॉडल की खासित है कि दृष्टिबाधित की श्रवण क्षमता का उपयोग कर सामने आने वाली वस्तु के बारे में बताया जाएगा। चश्मे में सेंसर लगाए हैं। इससे जब कोई वस्तु या व्यक्ति सामने आने पर चश्मे में लगा सेंसर बजर के माध्यम से बीप की आवाज देगा। इससे दृष्टिबाधित व्यक्ति अपना मार्ग बदल लेगा। हर्षित का मॉडल राज्य स्तर के लिए चयन किया है।

झौसावा के मनमीत सिंह चौहान पुत्र सुरेन्द्रसिंह ने भी अपनी बाल प्रतिभा का बेहतर प्रदर्शन किया है। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चीतरी में 12वीं कक्षा में अध्यनरत विद्यार्थी ने इंस्पायर अवार्ड में भाग लिया और मॉडल राज्य स्तर के लिए चयन हुआ है। विद्यार्थी ने ए आइडिया फोर इण्डियन आर्मी एडवांस माइन सिस्टम प्रस्तुत कर सेना में नवीनतम टेक्नॉलोजी से युक्त उपकरण तैयार किया है। विद्यार्थी ने बताया कि कई बार युद्ध के दौरान सैनिक जमीनों में बारुदी सुरंग की चपेट में आ जाते है और ब्लास्ट हो जाता है। चौहान ने बताया कि जूतों में एल्यूमिनियम का उपयोग करते हुए ऐसा जूता तैयार किया है, जिससे उनके पहनने से ब्लास्ट नहीं होगा। छात्र के पिता कुवैत में हैं। मां यामिनी चौहान गृहिणी है। विद्यार्थी ने अपनी सफलता का श्रेय शिक्षकों एवं परिवार को दिया।

दृष्टिबाधित व्यक्तियों को सडक़ पार करने के लिए किसी न किसी के सहारे की जरूरत होती है। लेकिन, राजकीय महात्मा गांधी टाउन की कक्षा 12वीं की छात्रा हंसनीराज सिंह आजाद पुत्री जितेंद्र सिंह आजाद ने दृष्टिबाधित लोगों के लिए सेंसर युक्त वॉच तैयार की है। ट्रेफिक लाइट पर जेब्रा कॉसिंग और रेड सिंग्नल होते ही वॉच वाइब्रेट होगी। इससे दृष्टिबाधित लोग बिना किसी सहारे के रोड क्रास कर सकेंगे। छात्रा के इस मॉडल को इंस्पायर अवार्ड की जिला प्रदर्शनी में रखा गया था और यह मॉडल राज्य के लिए चयनित हुआ है। छात्रा ने बताया कि मॉडल को बनाने में पुराना कैरम बोर्ड, पुरानी रिमोट की कार से सेंसर, डिब्बी आदि सभी सामग्री घर से ही उपयोग में ली। छात्रा का कहना है कि यह वॉच में जीपीएस सिस्टम भी लोड करना चाहेगी ताकि लोकेशन की जानकारी मिलती रहे।