Dungarpur बांसवाड़ा से जिले की दूरी 15 किमी होगी कम, अब सफर होगा असान

डूंगरपुर न्यूज़ डेस्क, डूंगरपुर स्वरूपगंज से रतलाम वाया डूंगरपुर-बांसवाड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग 927-ए पर आगामी समय में बांसवाड़ा और डूंगरपुर के बीच की दूरी करीब 12-15 किलोमीटर कम हो जाएगी। इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से परतापुर व सागवाड़ा बायपास निर्माण के कार्यादेश जारी कर दिए हैं। इसी माह से बायपास को लेकर काम भी शुरू हो जाएगा। इससे ईंधन के साथ समय भी बचेगा। इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर बांसवाड़ा से डूंगरपुर के बीच की दूरी 105 किलोमीटर है। इस मार्ग पर दोनों जिलों के बड़े कस्बे परतापुर और सागवाड़ा आते हैं। दोनों कस्बों में घनी आबादी क्षेत्र है। दोनों जिलों के लिए प्रमुख मार्ग होने से यात्री व व्यापारिक वाहनों की आवाजाही यहीं से होती है। समय से साथ बढ़ती वाहनों की संख्या के कारण बढ़ते यातायात के दबाव और दुर्घटनाओं पर रोकथाम की मंशा से बायपास के प्रस्ताव प्राधिकरण को कुछ समय पूर्व भिजवाए गए थे। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की मुहर लगने के बाद दोनों बायपास को स्वीकृति मिल गई है। गौरतलब है कि वर्तमान में सागवाड़ा से डूंगरपुर के बीच कार्य चल रहा है।
सागवाड़ा और परतापुर में टू-लेन पेव्ड शोल्डर पद्धति से निर्मित होने वाले बायपास की लंबाई करीब 15 किलोमीटर रहेगी। इसमें आठ किमी लंबाई सागवाड़ा और सात किमी परतापुर बायपास की रहेगी। दोनों बायपास के निर्माण की लागत 85 करोड़ रुपए रहेगी। वहीं इसकी कुल लागत 188 करोड़ रुपए रहेगी। निर्माण राशि के अतिरिक्त शेष रही राशि भूमि अवाप्ति पर मुआवजे सहित अन्य कार्यों पर खर्च होगी। परतापुर बायपास खेड़ा से आरंभ होकर अगरपुरा मोड़ तक रहेगा। बांसवाड़ा से डूंगरपुर जाने वाले वाहन खेड़ा से दायीं ओर बायपास से होते हुए अगरपुरा के बाद मुख्य मार्ग से जुड़ जाएंगे।
इससे वाहन चालकों को नवागांव, भगोरा मोड़, बेड़वा, परतापुर, गढ़ी, चौपासाग, मोर आदि आबादी व ग्रामीण क्षेत्रों से होकर नहीं गुजरना पड़ेगा। कार्यादेश के अनुसार खेड़ा में व्हीकल अंडर पास बनेगा। जिसके सर्विस मार्ग से गढ़ी-परतापुर आवागमन हो सकेगा। वहीं सागवाड़ा में भी दो व्हीकल अंडर पास निर्मित किए जाएंगे। परतापुर बायपास पर चाप नदी पर करीब डेढ़ सौ मीटर लंबा मेजर ब्रिज भी बनेगा।परतापुर और सागवाड़ा बायपास स्वीकृत होने के बाद इसके कार्यादेश हो चुके हैं। इससे दोनों बड़े कस्बों में यातायात का दबाव कम होगा और डूंगरपुर तक की दूरी भी कम हो जाएगी। इसके कार्यादेश जारी हो गए हैं। संभवत: इसी माह में आरंभिक कार्य भी शुरू हो जाएगा।