Dungarpur में क्रोमियम, निकेल के चार ब्लॉक और फ्लोराइड का एक ब्लॉक मिला
डूंगरपुर न्यूज़ डेस्क, डूंगरपुर कुछ सालाें पहले तक डूंगरपुर की पहचान मार्बल और फ्लाराेइड के कारण हाेती थी। अब डूंगरपुर में साेप स्टाेन, क्वार्टज पत्थर समेत अन्य खनिजाें काे निकाला जाता है। अब भूगर्भीय सर्वेक्षण में निकल, क्राेमियम की भी उपस्थिति सामने आई है। निकल, क्राेमियम के चार ब्लाॅक व फ्लाेराइड का एक ब्लाॅक मिला है। आगे निदेशालय स्तर से निकल, क्राेमियम के ब्लाॅक का आवंटन किया जाएगा।जानकारी के अनुसार खनन विभाग की तरफ से इसके कंपाेजिट लाइसेंस दिए जाएंगे। बताया जा रहा है कि खान मंत्रालय के तहत विशेषज्ञ समिति ने भारत के लिए 30 महत्वपूर्ण खनिजों के एक समूह की पहचान की है, इसमें निकल भी शामिल है। खनिज विभाग के अधिकारी ने बताया कि इसकी फाइल निदेशालय स्तर पर पहुंच चुकी है। आगे की प्रक्रिया का निर्णय वहीं सेे हाेगा।
माथुगामड़ापाल, देवल, राेहनवाड़ा, खानमीन में मिले ब्लॉक
भूगर्भीय सर्वेक्षण में जिले के माथुगामड़ापाल में 4.92 स्क्वायर किमी, देवल में 99.24 हैक्टेयर, राेहनवाड़ा में 852 हैक्टेयर, खानमीन में 892 हैक्टेयर में निकल व क्राेमियम की खाेज की गई है। कुल चार ब्लाॅक है। जिले के सामाेता में फ्लाेराइड का भी एक ब्लाॅक मिला है।
सरकार का बढ़ेगा राजस्व, राेजगार के अवसर भी बनेंगे
निकल व क्राेमियम के 4 ब्लाॅक मिले हैं। इससे सरकार काे राजस्व का फायदा हाेगा। राेजगार भी बढ़ेगा, लेकिन कंपाेजिट लाइसेंस दिए जाने के बाद ही इस ओर काम हाेगा। यहां होता है इस्तेमाल: स्टेनलेस स्टील में 7 से 9% निकल, 17 से 19% क्राेमियम हाेता है। निकल, क्रोमियम तत्वों की थोड़ी मात्रा मिलाने से स्टेनलेस स्टील की ताकत, लचीलापन और फिनिशिंग बढ़ जाती है। निकल को इस्पात में मिलाकर स्टेनलेस (जंगरोधक) बनाया जाता है। क्रोमियम कठोर होता है, जिसे अक्सर स्टील में मिलाकर एक कठोर धातु बनाया जाता है।डूंगरपुर में क्वार्ट्ज, क्ले, साॅफ स्टाेन, फेल्सपार अच्छी मात्रा में निकल रहा है। क्वार्ट्ज की क्वालिटी यहां की अच्छी होती है। यहां पर मिल्की और स्नाे क्वार्ट्ज निकलता है, जाे सीधे कांच बनाने के लिए काम में आता है।
