Dungarpur में आसपुर लघु उद्योग भारती इकाई ने उद्योगों से फ्यूल सरचार्ज को लेकर तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन, बोले-विभाग की गलती का भार उद्योगों पर डालना गलत

डूंगरपुर न्यूज़ डेस्क,आसपुर लघु उद्योग भारती इकाई ने उद्योगों से फ्यूल सरचार्ज के संबंध में मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा. यह ज्ञापन आसपुर इकाई अध्यक्ष अनिल गुप्ता के नेतृत्व में सौंपा गया।
ज्ञापन में बताया गया कि पुराने वर्षों का बोझ, बिजली बिलों में सरकार के गलत फैसलों का बोझ उद्योगों पर डाला जा रहा है, जो कि गलत है। उद्योग इस राशि को जमा करने की स्थिति में नहीं है। वर्ष 2018 से 36 माह तक लगातार 5 पैसे प्रति यूनिट की वसूली की गई। वर्ष 2022 से अगले 60 माह तक लगातार सात पैसे यूनिट चार्ज किया जा रहा है। बिजली उत्पादन निगम के साथ विवाद के निपटारे में अदानी पावर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के कारण ये दोनों राशि अडानी पावर को दी जा रही है। इसका कारण निगम द्वारा हल्के कोयले के उपयोग से उत्पादन में कमी और लागत में वृद्धि होना था। कोयला हल्का होना कर्मचारियों और विभाग की गलती है। इसका बोझ उद्योगों पर डालना गलत है।
ज्ञापन में कहा गया कि कई उद्योगों को लीज पर दिया जाता है। उद्योगपतियों के लिए लीज की अवधि समाप्त होने और 2 वर्ष बाद इस प्रकार की राशि की वसूली करना एक बड़ी समस्या है। साथ ही लघु खनिज प्रसंस्करण उद्योगों पर लगाए गए 25 हजार रुपये वार्षिक शुल्क और 10 रुपये प्रति टी.पी. के निकास शुल्क का भी विरोध किया है. वहीं, खनिज प्रसंस्करण उद्योग भी विपरीत परिस्थितियों में कम मार्जिन पर चल रहा है। टीपी सिस्टम खनिज से जुड़े लघु उद्योगों पर गलत बोझ डालकर इन उद्योगों को समाप्त करने का प्रयास है। इस व्यवस्था को तत्काल समाप्त किया जाना चाहिए। इस अवसर पर अनिल गुप्ता, पंकज मेहता सहित उद्योग इकाई के सदस्य उपस्थित थे।