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Dungarpur ग्रामीण क्षेत्र में ढाई लाख उपभोक्ता, बिजली की जरूरत अधिक

 
Dungarpur ग्रामीण क्षेत्र में ढाई लाख उपभोक्ता, बिजली की जरूरत अधिक

डूंगरपुर न्यूज़ डेस्क, डूंगरपुर  क्षेत्र में पानी की कमी को लेकर लोग पहले ही परेशान है वहीं, बढ़ रही गर्मी में लगातार हो रही बिजली की कटौती ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। बिजली गुल होने के बाद पता नहीं होता है कि बिजली दोबारा कब आएगी। दिन हो या रात बस लोगों को अघोषित बिजली कटौती का ही डर सताता रहता है कि बिजली ना जाने कब गुल हो जाए। बिजली कटौती के कारण लोगों की पूरी दिनचर्या खराब होकर रह जाती है। उमस भरी गर्मी से छोटे बच्चे, महिला और बुजुर्गों को भारी कठनाईयों का सामना करना पड़ता है। ओबरी क्षेत्र में बिजली की अघोषित कटौती से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। बिजली विभाग द्वारा क्षेत्र के लिए बनाए गए शेड्यूल के अनुसार भी बिजली उपलब्ध नहीं हो पा रही है। वहीं छोटे उद्योग व बिजली पर निर्भर दुकानदारों में बिजली विभाग के प्रति खासा गुस्सा दिखाया है। इधर विभागीय सूत्रों ने बताया लाइनों में फाल्ट व जीएसएस पर आई खराबी के कारण व्यवस्था बिगड़ जाती है। देखा जाए तो ग्रामीण क्षेत्र में करीब ढाई लाख उपभोक्ता है। इन दिनों गर्मी अधिक होने से पंखे के बजाय कूलर व एसी का अधिक इस्तेमाल होने लगा है।

भले ही ही बिजली कटौती का समय निर्धारित कर दिया हो, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में अघोषित कटौती भी हो सकती है। क्योंकि बिजली लाइन मरम्मत, लाइन ट्रीपिंग के अलावा कई कारण है, जब बिजली कटौती हो सकती है। इधर, ठंडे पेय पदार्थ, कोल्ड ड्रींक, आइसक्रीम आदि को ठंडा करने के बड़े फ्रीज को 24 घंटे चलाना पड़ता है। यही भी वजह है कि बिजली की मांग बढ़ गई है।  डूंगरपुर इन दिनों सुबह से ही तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। दोपहर होते ही गर्मी प्रचंड रूप में पहुंच जाती है। पारा 40 डिग्री पार तक पहुंच चुका है। जिस वजह से लोगों को गर्मी में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एवीवीएनएल को डूंगरपुर जिले से रोजाना 25 मेगावाट का लोड कम करना है, इसके लिए जिले के 90 जीएसएस के बिजली कटौती का शिड्यूल बन गया है। बताया जा रहा है कि डूंगरपुर व सागवाड़ा शहर को छोड़ कर शेष ग्रामीण क्षेत्र में अब रोजाना 2 से 3 घंटे की कटौती होगी।

लोगों का आक्रोश नहीं झेलना पड़े इसके लिए सुबह व शाम का समय निर्धारित कर दिया ताकि 25 मेगावाट लोड कम किया जा सकें। मई के दूसरे सप्ताह में लोड शेडिंग की स्थिति सामने आने से साफ है कि अगले कुछ दिनों में बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। इन दिनों का एसी का उपयोग अधिक होने से लोड बढ़ गया है। इस वजह से बिजली की मांग बढ़ गई है। वहीं दूसरी तरफ शहर की स्थिति को देखे तो उपभोक्ता एसी का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन लोड नहीं मिल पाने की वजह से एसी स्टार्ट नहीं हो पा रहे हैं। पिछले चार दिन से शहर में ये स्थिति भी देखने को मिल रही है।

गर्मी के मौसम में बिजली की मांग बढ़ने की वजह से लोड शेडिंग होती है. लोड शेडिंग का मतलब है कि ज़रूरत से ज़्यादा मांग या बिजली का कम उत्पादन होने पर, कुछ इलाकों में बिजली की आपूर्ति को अस्थायी तौर पर बंद करना यानि पावर कट। यह एक उपाय है, जिससे बिजली की मांग और आपूर्ति को संतुलित किया जा सकता है। लोड शेडिंग का मकसद पावर ग्रिड या पावर स्रोत को ओवरलोडिंग से बचाना है। लोड शेडिंग के दौरान बिजली कटौती की जाती है या प्राथमिक स्रोतों से बिजली की खपत कम की जाती है. लोड शेडिंग तब तक जारी रहती है, जब तक कि मांग कम न हो जाए और ज़्यादा क्षमता उपलब्ध न हो जाए। 25 मेगावाट लोड कम करने के लिए सुबह व शाम के समय ग्रामीण क्षेत्र के लिए बिजली कटौती का शिड्यूल बनाया गया है। जिले के 90 फीडर पर कटौती होगी ताकि मांग व सप्लाई में संतुलन हो। -सीएल रोत, एक्सईएन, डूंगरपुर