देश-विदेश तक बजा धौलपुर के आमों का डंका! एक ही बाग में मिलती है 24 वैरायटी, दिन-रात बढ़ रही डिमांड

फलों के राजा आम का सीजन इन दिनों जोरों पर है और इसी के साथ धौलपुर जिले का नाम भी देश के आम के नक्शे पर नई पहचान बना रहा है। बसेड़ी उपखंड क्षेत्र स्थित खेमरी फार्म हाउस का आम उत्कृष्टता केंद्र इस बार खास चर्चा में है, जहां आम की 24 खास किस्में तैयार की गई हैं। यहां उत्पादित आम स्थानीय बाजार में ही नहीं, बल्कि देश के कोने-कोने में भेजे जा रहे हैं। इतना ही नहीं, इनकी मिठास अब विदेशों तक भी पहुंच गई है। आम्रपाली, कुआं, केसर, नीलम और हापुस जैसी प्रमुख किस्मों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सराहा जा रहा है। आमों को तोड़कर मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली की मंडी में भेजा जा रहा है। खेमरी फार्म हाउस के आमों की बाजार में सबसे ज्यादा कीमत देखने को मिल रही है।
खेमरी फार्म हाउस की खास बातें
आम की 24 किस्मों की वैज्ञानिक तरीके से खेती की जा रही है। उन्नत तकनीक और जैविक तरीकों से उत्पादन किया जा रहा है। विदेशों तक में आमों की मांग है। यह केंद्र न केवल आम उत्पादन में उत्कृष्टता का उदाहरण बन रहा है, बल्कि जिले के किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन रहा है। यहां आने वाले किसान आधुनिक बागवानी तकनीकों को समझने और अपनाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
बढ़ रही ब्रांड वैल्यू
विशेषज्ञों के अनुसार, खेमरी फार्म हाउस के आम स्वाद, सुगंध और गुणवत्ता में किसी भी बड़े ब्रांड से कम नहीं हैं। यही वजह है कि इनकी ब्रांड वैल्यू लगातार बढ़ रही है। आम अब सिर्फ स्वाद का पर्याय नहीं रह गए हैं, बल्कि खेती में प्रगति और वैश्विक पहचान का प्रतीक बन रहे हैं।
1 साल की देखभाल के बाद पौधा देता है फल
आम उत्कृष्टता केंद्र में उन्नत किस्म की नस्ल तैयार की जाती है। फार्म हाउस में एक विशाल नर्सरी स्थापित की गई है। जिसके अंदर ग्राफ्टिंग करके आम के पौधे तैयार किए जाते हैं। 6 महीने तक पर्याप्त खाद और पानी देने के बाद आम का पौधा तैयार किया जाता है। अगले 6 महीने में पौधा फूल और फल देने के लिए तैयार हो जाता है। दूसरे साल के बाद पौधा पूरी तरह विकसित हो जाता है और 2 से 3 क्विंटल तक फल देने लगता है।
आम की प्रमुख किस्में
आम उत्कृष्टता केंद्र में 24 किस्में तैयार की गई हैं। इनमें कुआं केसर, दशहरी, नीलम, हापुस लंगड़ा, चौसा वनराज, तोतापुरी, बॉम्बे ग्रीन, अंबिका, पूसा गोठ, पूसा सूर्या, पूसा प्रतिभा, मल्लिका, अरुणिका, रामकेला, पूसा अरुणिका, रत्ना, सोनपरी, सिंधु, नीलेसल, पूसा पीतांबर, पूसा ललिया और आम्रपाली शामिल हैं। कृषि विशेषज्ञ आम की 19 किस्मों पर काम कर रहे हैं। इन्हें अगले सीजन तक तैयार कर लिया जाएगा।