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Dholpur जिले में बरसात से सड़कों को 3.16 करोड़ रुपए का पहुंचा नुकसान

 
Dholpur जिले में बरसात से सड़कों को 3.16 करोड़ रुपए का पहुंचा नुकसान
धौलपुर न्यूज़ डेस्क, धौलपुर बारिश का दौर भले ही थम गया हो गया लेकिन इसने जिलेभर में संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है। जिले में 654 पक्के और 256 कच्चे मकानों को नुकसान हुआ और अतिवृष्टि की चपेट में आने से 5 जनों की मौत हो गई और 19 जने घायल हो गए। बरसात के चलते जिले में सर्वाधिक नुकसान सडक़ों को उठाना पड़ा है। जिले में जगह-जगह सडक़ें क्षतिग्रस्त हो गई। प्रशासन की ओर से कराए आकलन में जिले में 3.16 करोड़ रुपए का सडक़ों को नुकसान पहुंचा है। उधर, जिले में अतिवृष्टि से हुए 12 करोड़ 85 लाख रुपए की परिसंपत्तियों का नुकसान पहुंचा है। प्रशासन की ओर से हुए नुकसान को लेकर प्रस्ताव राज्य सरकार को भिजवाए गए हैं।

सड़कों को इस तरह पहुंचा नुकसान

जिले में बरसात के दौरान 3 करोड़ 16 लाख से अधिक का सडक़ों का नुकसान पहुंचा है। सडक़ क्षतिग्रस्त होने से लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। जिले में धौलपुर उपखण्ड में 32.97 लाख रुपए, बाड़ी में 96.96 लाख, राजाखेड़ा में 50.65 लाख, बसेड़ी में 26.46 लाख रुपए, सरमथुरा में 29.4 लाख रुपए, सैंपऊ उपखण्ड में 79.97 लाख रुपए का सडक़ों को नुकसान हुआ है। यहां निभी ताल के आसपास भारी जलभराव के चलते हाइवे 11 बी को काटना पड़ा था। इसी तरह बरसात से शहर से निकलते समय सागरपाडा के पास हाइवे की सड़क धंस गई।

जिले में 1995 की बारिश का टूटा रेकॉर्ड

जिले में इस सीजन में हुई बारिश ने साल 1995 की बारिश का रेकॉर्ड तोड़ दिया था। उस समय करीब 1032 एमएम बरसात हुई थी। लेकिन इस दफा 11 सितम्बर तक जिलेभर में 1317 एमएम बारिश रेकॉर्ड हो चुकी है। बता दें कि पूर्वी राजस्थान के करौली जिले में 110 प्रतिशत बारिश रेकॉर्ड हुई है जबकि धौलपुर में 108 प्रतिशत बरसात हो चुकी है।

बरसात से फसल को भी पहुंचा नुकसान

बरसात से संपत्तियों के साथ जिलेभर में खेतों में खड़ी फसल को भी नुकसान पहुंचा है। इसमें राजाखेड़ा, बाड़ी, सैंपऊ और धौलपुर में फसल को नुकसान हुआ है। विशेषतौर पर बाजरे की फसल खराब हो गई। फसल नुकसान को लेकर गिरदावरी करवाई गई है। जिले में भारी बरसात के चलते बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। जिस पर एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीम बुलानी पड़ी।इन टीमों ने बरसात में फंसे लोगों को रेस्क्यू किया। जिससे कई लोगों को सुरक्षित बचाया गया। हालात इस कदर हो गए थे कि अलवर से सेना तक को बुलाना पड़ गया था। तब जाकर कहीं हालात संभल पाए।