Aapka Rajasthan

Dholpur केन्द्र पर अभी तक गेहूं के एक दाने की भी नहीं हुई तुलाई

 
Dholpur केन्द्र पर अभी तक गेहूं के एक दाने की भी नहीं हुई तुलाई
धौलपुर न्यूज़ डेस्क, धौलपुर शहर में हाइवे किनारे स्थित कृषि उपज मंडी में संचालित क्रय-विक्रय सहकारी समिति पर किसानों ने इस बार गेहूं की फसल बिक्री के रजिस्ट्रेशन कराने से दूरी बना ली थी। इस बार खरीद केन्द्र पर अभी तक एक भी गेहूं का दाना बिक्री करने के लिए किसा नहीं आया है। वहीं इस बार केवल एक किसान ने गेहूं बिक्री के लिए केन्द्र पर रजिस्टे्रशन कराया था। लेकिन वह भी फसल बेचने सरकार के कांटे पर नहीं आया है। जिससे केन्द्र संचालक को भी अभी तक निराशा हाथ लगी है। कृषि उपज मंडी में गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हुए करीब ड़ेढ महीना बीत गया है] लेकिन अभी तक एक दाने की भी सरकारी कांटे पर तुलाई नहीं हो सकी है। दूसरी ओर मंडी में गेहूं की अच्छी आवक हो रही है। इसका सीधा कारण हैं कि मंडी में आढ़तियों और क्रय केन्द्र के मूल्य में केवल कुछ रुपए का अंतर है। जिसके चलते किसान केन्द्रों पर बिक्री करने नहीं पहुंच रहे है। वह आढ़तियों को फसल की बिक्री करके नगद भुगतान ले रहे है। मंडी में एक सप्ताह से प्रतिदिन करीब 1 हजार से 1200 क्विंटल गेहूं की आवक हो रही है। बताया जा रहा है कि नगद भुगतान और तुरंत तोल सहित अन्य सुविधाओं के कारण किसान अपनी फसल को मंडी में ही बेच रहे हैं।

इस बार गेहूं का समर्थन मूल्य भी अधिक : केन्द्र सरकार ने इस बार गेहूं का 2175 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य निर्धारित किया हैं। इसके साथ ही प्रदेश सरकार प्रति क्विंटल पर 125 रुपए का बोनस अलग से दे रही है। इस तरह सरकारी खरीद पर किसान को प्रति क्विंटल के हिसाब से 2300 रुपए का भुगतान किया जाना है। जबकि वर्तमान में गेहूं का मंडी भाव 2300 से 2400 रुपए प्रति क्विंटल है। वहीं गत वर्ष गेहूं का समर्थन मूल्य 2125 और मंडी भाव 2200 से 2300 रुपए प्रति क्विंटल था।

यह है पंजीयन की स्थिति

सरकार ने गेहूं की सरकारी खरीद के रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया से शुरू की गई थी। लेकिन किसान समर्थन मूल्य पर फसल बेचने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं। हालांकि गेहूं की सरकारी खरीद के लिए अभी तक 1 पंजीयन ही हुआ है। उसके बाद समय सीमा के कोई दूसरा किसान नहीं आया है। यही स्थिति सरसों और चना की भी है। सरकार ने इस बार सरसों का प्रति क्विंटल 5650 और चने का 5440 रुपए समर्थन मूल्य निर्धारित किया है। सरसों की फसल बिक्री के लिए किसान आ रहे है।