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Dholpur में चंबल नदी में 4 दिन पहले पशुपालक को मगरमच्छ ने बनाया था अपना शिकार, गांव वाले कर रहे थे तलाश, दो टुकड़ों में मिला शव

 
Dholpur में चंबल नदी में 4 दिन पहले पशुपालक को मगरमच्छ ने बनाया था अपना शिकार,  गांव वाले कर रहे थे तलाश, दो टुकड़ों में मिला शव

धौलपुर न्यूज़ डेस्क,बाड़ी अनुमंडल के बसई डांग थाना क्षेत्र के भगतू पुरा गांव के पास मोहनजून सरकार के मंदिर के पास बहने वाली चंबल नदी में 4 दिन पहले एक मगरमच्छ ने एक पशुपालक को अपना शिकार बनाया था. मगरमच्छ ने पशुपालक को इतने गहरे पानी में खींच लिया कि बाद में पुलिस और प्रशासन ने 30 घंटे तक लगातार पशुपालक की तलाश की. साथ ही एसडीआरएफ की टीम और वन विभाग के गोताखोरों को भी बुलाया गया लेकिन लापता पशुपालक के शव का कोई सुराग नहीं मिला.

चार दिन बाद ग्रामीणों की लगातार तलाश में सफलता मिली। मृतक पशुपालक का शव घटनास्थल से करीब 2 किमी दूर चिल्लीपुरा घाट के पास मिला है, जो दो टुकड़ों में बंटा हुआ है. ऐसे में पुलिस व प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर मृतक के क्षत-विक्षत शव का पोस्टमार्टम कराया और मामले में पंचनामा कार्रवाई करते हुए शव परिजनों को सौंप दिया.

बाड़ी सीओ मनीष कुमार शर्मा ने बताया कि गांव भगतू पुरा निवासी रामसिंह गुर्जर का पुत्र मंधीर गुर्जर (35) 10 मार्च को मवेशी चरा रहे चंबल नदी का पानी पीने के दौरान मगरमच्छ का शिकार हो गया था. मगरमच्छ चरवाहे को चंबल नदी में इतनी गहराई तक ले गया कि उसका पता नहीं चल सका. बाद में डांग बसई थाना पुलिस एसडीएम गिरधर मीणा तहसीलदार परसोत्तम लाल के साथ मौके पर पहुंची और बचाव अभियान शुरू किया गया। रविवार को भरतपुर से एसडीआरएफ की टीम भी बुलाई गई थी। साथ ही सिविल डिफेंस व ग्रामीण गोताखोरों का भी सहयोग लिया, लेकिन 30 घंटे की मशक्कत के बाद भी सफलता नहीं मिली.

ग्रामीण अपने स्तर पर लगातार मृतक की तलाश कर रहे थे। ऐसे में ग्रामीणों से सूचना मिली कि चिल्लीपुरा घाट के पास चंबल नदी में एक शव पड़ा है. इस पर पुलिस व प्रशासन मौके पर पहुंचा और गोताखोरों की मदद से शव को चंबल नदी से बाहर निकाला। जिसके कपड़ों से उसकी पहचान रणधीर पुत्र रामसिंह गुर्जर के रूप में हुई है।