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Dholpur सैंकड़ों किसान मंडी में आते हैं उपज लेकर, बी-ग्रेड श्रेणी में शामिल कृषि उपज मंडी

 
Dholpur सैंकड़ों किसान मंडी में आते हैं उपज लेकर, बी-ग्रेड श्रेणी में शामिल कृषि उपज मंडी
धौलपुर न्यूज़ डेस्क, धौलपुर कृषि उपज मंडी में रोजाना लाखों का कारोबार करने वाली बी-ग्रेड की श्रेणी में होने के बावजूद मिलने वाली सुविधाओं से वंचित हैं। उपज मंडी में आढ़तियों व किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हर दिन सैकड़ों किसान मंडी में अपनी उपज लेकर पहुंच रहे हैं। आवक लेकर पहुंचने से लेकर नीलामी, तौल एवं भुगतान होने तक कई घंटो का समय लगता है। कृषि उपज मंडी में ऐसे में दैनिक जरुरतों के लिए किसान मंडी परिसर के ही आश्रित रहना पड़ता है। लेकिन मंडी में खाने-पीने से लेकर सुलभ शौचालय की व्यवस्था बदहाल पड़ी हुई है। इसके साथ ही किसानों के लिए बनाया गया विश्राम गृह में इंदिरा रसोई का संचालन किया जा रहा है। वहीं कुछ कमरों में ताला लटका हुआ है। किसानों को एक भी सुविधा नहीं मिल पा रही है। मंडी परिसर में इन जरूरतों के लिए प्रबंधन ने सिर्फ औपचारिकताएं ही पूरी की हैं। असल में किसानों को उचित व्यवस्थाएं नहीं मिल पा रही है। शुक्रवार दोपहर  टीम ने कृषि उपज मंडी में पहुंचकर पड़ताल की। तो कुछ किसानों से बातचीत की तो कई समस्याएं निकलकर सामने आई। जिनका निराकरण मंडी प्रबंधन कर नहीं पा रहा है। प्रतिदिन सैंकड़ों किसान मंडी में अपनी फसल लेकर आता है। लेकिन मंडी प्रशासन की ओर से कोई सुविधा नहीं मुहैया कराई जा रही है।

एक ही सुलभ शौचालय, वो भी बदहाल

कृषि उपज मंडी में छह ब्लाकों में सिर्फ एक ही सुलभ शौचालय बना हुआ है। वह भी गंदगी से अटा पड़ा है। वह जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। किसानों ने कई बार इसको खुलवाने की मांग की। लेकिन किसी भी मंडी अधिकारी ने इसको सहीं कराने की सुध नहीं ली। जिससे किसानों में काफी नाराजगी है।

सीवरेज का पानी मंडी में घुसा, दुर्गंध फैली

नगर परिषद ने सीवरेज का पानी मंडी में छोड़ दिया। पहले पानी कम था। लेकिन अब आधी से ज्यादा मंडी में सीवरेज का पानी भर गया। जिससे यहां पर आने वाले आढ़ती व किसानों को काफी परेशानी होती है। मंडी प्रशासन ने जिला कलक्टर से लेक नगर परिषद आयुक्त से कई शिकायत की लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। जिससे आढ़तियों व किसानों को दुर्गंध के बीच रहना पड़ता है।किसानों की उपज की नीलामी में यदि देरी हो तो किसानों को आराम करने विश्राम गृह बनाए गए हैं। लेकिन यहां स्थित विश्राम गृह में ताले लगे हुए हैं। हालांकि मंडी अधिकारियों की माने तो किसान उपज की तौल होने तक उपज के पास रुकता है। तौल होने के बाद भुगतान होने तक वह व्यापारी की दुकान चला जाता है। इसलिए विश्राम गृह की मांग नहीं करता है। वहीं मंडी के सचिव की ओर से बताया गया है कि विश्राम गृह में एक तरफ इंदिरा रसोई का संचालन किया जा रहा है। वहीं ऊपरी मंजिल पर इस लिए ताला लगा दिया है। कि उसमें अराजक तत्व पहुंचते है। किसान कम ही उपयोग करते हैं।