Dholpur बाबू महाराज के थानों पर मेले शुरू, कुष्ठ निवारण देवता के रूप में है मान्यता
धौलपुर न्यूज़ डेस्क, लोक देवता बाबू महाराज के थानों पर भादो मास शुक्ल पक्ष की दौज से मेले लगने शुरू हो गए हैं। डांग क्षेत्र के कुदिन्ना और चितौरा के बाबू महाराज पर तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जा रहा है। बाबू महाराज के मंदिरों पर बुधवार सुबह से ही शुरू हुई श्रद्धालुओं की भीड़ गुरुवार को भी देखी गई, जहां श्रद्धालुओं ने बाबू महाराज की ज्योति की पूजा अर्चना कर बूरा से भोग लगाया।
भादो मास की कृष्ण पक्ष की दोज से बाबू के सभी थानों पर विशेष पूजा अर्चना की जाती है। बाबू महाराज को लोक देवता के नाम से माना जाता है। बुधवार को शुरू हुए मेले के बाद गुरुवार सुबह से जिले के विभिन्न बाबू महाराज के थानों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है। मान्यता है कि बाबू महाराज के आशीर्वाद से सुख समृद्धि, यश, कीर्ति और वैभव की परिवार में प्राप्ति होती है। इसके अलावा बाबू महाराज को कुष्ठ रोग निवारण देवता भी माना जाता है। बाबू महाराज के आशीर्वाद से त्वचा से संबंधित जितने भी रोग होते हैं, वे ठीक हो जाते हैं। खासकर चितौरा के बाबू महाराज पर कुंड में स्नान किया जाता है। कुंड में स्नान करने से कुष्ठ संबंधी समस्या दूर हो जाती है।
जिन श्रद्धालुओं को भयानक कुष्ठ होता है उनकी बाबू महाराज के भगत द्वारा रात्रि को धुनि लगाकर अर्जी लगाई जाती है। मान्यता है कि भगत जिसका नाम बोल देता है। उस श्रद्धालु के कुष्ठ रोग का पूरी तरह से निवारण हो जाता है। इसलिए बाबू महाराज को कुष्ठ रोग निवारण का देवता भी माना जाता है। बाबू महाराज के थान पर राजस्थान के साथ ही मध्य प्रदेश से भी श्रद्धालु पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं। बाबू महाराज के आशीर्वाद से श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी होती है।