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Dholpur शिक्षकों व शिक्षा अधिकारियों की अटकी पदोन्नति से स्कूलों व कार्यालयों की व्यवस्थाएं चरमराई

 
Dholpur शिक्षकों व शिक्षा अधिकारियों की अटकी पदोन्नति से स्कूलों व कार्यालयों की व्यवस्थाएं चरमराई

धौलपुर न्यूज़ डेस्क, धौलपुर  राजस्थान पंचायती राज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ ने प्रदेश के स्कूलों में अधिशेष 20 हजार शिक्षकों को शीघ्र समायोजित करने, उप प्रधानाचार्य के 50 प्रतिशत पदों को सीधी भर्ती से भरने का प्रावधान लागू करने तथा प्रदेश के शिक्षकों व स्कूलों से जुड़ी विभिन्न समस्याओं का समाधान कर शिक्षा के बिगड़े ढांचे को सुधारने की मांग की है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष शेर सिंह चौहान व प्रदेश महासचिव राजेश शर्मा ने माध्यमिक एवं प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को भेजे 11 सूत्री मांग पत्र में लिखा है कि शिक्षा विभाग द्वारा गत चार शैक्षणिक सत्रों से तृतीय श्रेणी से वरिष्ठ अध्यापक, वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता, उप प्रधानाचार्य, प्रधानाचार्य, डीईओ के पदों पर डीपीसी व पदस्थापना नहीं होने से स्कूलों व कार्यालयों में बड़ी संख्या में शिक्षक संवर्ग व शिक्षा अधिकारी के पद रिक्त हैं तथा व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं।

इसलिए डीपीसी में बाधा उत्पन्न करने वाले नियमों में संशोधन कर न्यायालयीन प्रकरणों के निस्तारण तक वरिष्ठ अध्यापक, व्याख्याता, उप प्रधानाचार्य, प्रधानाचार्य, डीईओ के पदों पर कई वर्षों से लंबित डीपीसी एक साथ की जाए तथा शिक्षकों व शिक्षा अधिकारियों को पदोन्नत किया जाए, राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजकर शिक्षा विभाग में शीघ्र पारदर्शी स्थानांतरण नीति लागू कर तृतीय श्रेणी शिक्षकों सहित सभी संवर्गों के स्थानांतरण शुरू किए जाएं, चिकित्सा विभाग की भांति ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षकों को 10 प्रतिशत विशेष ग्रामीण भत्ता दिया जाए, शिक्षा विभाग में वर्ष 2005 से 2008 के मध्य नियुक्त प्रबोधकों का मूल वेतन 11170 रुपए निर्धारित कर लंबे समय से चली आ रही वेतन विसंगति को दूर किया जाए तथा आरपीएससी से तृतीय वेतनमान में लगे शिक्षकों का मूल वेतन 11170 रुपए निर्धारित किया जाए। 12900 वेतनमान तथा पुनरीक्षित वेतन प्राप्त कर क्रमोन्नत उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों तथा महात्मा गांधी रूपान्तरित विद्यालयों में एक वर्ष से अधिशेष चल रहे 20 हजार से अधिक शिक्षकों को इसी माह काउंसलिंग कराकर नियमानुसार प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा के विद्यालयों में समायोजित किया जाए, युवा एवं प्रतिभावान शिक्षकों को पदोन्नत किया जाए।

उप प्रधानाचार्यों के 50 प्रतिशत पदों पर सीधी भर्ती के अवसर उपलब्ध हो, इसके लिए सीधी भर्ती से भरने का प्रावधान करने की मांग की है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष शेरसिंह चौहान ने कहा कि पदोन्नति के गलत सेवा नियमों के कारण सामाजिक विज्ञान, संस्कृत, हिन्दी, कृषि, वाणिज्य स्नातक शिक्षकों को 20 से 25 वर्ष की सेवा के बाद भी वरिष्ठ अध्यापक पदों पर पदोन्नति नहीं मिल पा रही है। प्रदेश के कई जिलों में एक दशक पूर्व इन विषयों के वेतनमान पर वरिष्ठ अध्यापक पदों पर पदोन्नति की गई थी। लेकिन आज भी इनकी गणना वरिष्ठ अध्यापकों में नहीं की जाती है। संघ ने पदोन्नति नियमों में संशोधन करने का अनुरोध किया है, ताकि विभिन्न जिलों में वेतनमान पर पदोन्नत शिक्षकों को स्थाई पदोन्नति देकर तथा इन विषयों के शिक्षकों के लिए संख्यात्मक आधार पर पदोन्नति के विशेष अवसर सृजित कर प्रत्येक शिक्षक को कम से कम 9 वर्ष की सेवा के बाद पदोन्नति का समान अवसर मिल सके।