Dholpur सरकारी स्कूलों में बच्चों के हाथों में किताबों की जगह थमा दी गई झाड़ू

राजकीय स्कूल में पढ़ने के लिए घर से अभिभावक बच्चों का बैग लगाकर भेजते है। वहीं अभिभावक घर में पढ़ाई के अलावा बच्चों से काम नहीं करवाते कि उनका लाड़ला पढ़कर कुछ बन सकें। लेकिन यहां सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ने के लिए झाड़ू लगानी पड़ती है। उसके बाद ही पढ़ाई शुरू होती है। स्कूल के दरवाजे खुलते ही पढ़ने के कक्ष व बाहर बच्चों को झाड़ू लगाने के लिए हाथ में थमा दी जाती है। बच्चों का कहना है कि अगर झाड़ू नहीं लगाते हैं तो सर नाराज होते हैं। जिसके बाद डाटते है।
कई स्कूल में नहीं पहुंचते शिक्षक
शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए लगातार शिक्षा विभाग सुधारने के लिए प्रयास कर रही है। इसके चलते ही सरकार ने गुरुजी व बच्चों की आनलाइन उपस्थिति शुरू की थी। जिससे व्यवस्था में सुधार हो सकें। लेकिन क्षेत्र के काफी राजकीय स्कूलों में समय से शिक्षक नहीं पहुंचते है। अगर पहुंचते है। तो वह विद्यालय का ताला खोलकर अपने काम को निकल आते है। जिससे बच्चों को पढ़ने के लिए काफी परेशान होना पड़ता है।भले ही सरकारी स्कूलों में बच्चों से काम कराने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी हो। उसके बाद भी उच्च माध्यमि विद्यालय के शिक्षक बच्चों से झाड़ू लगवाने से बाज नहीं रहे है। सोमवार को जब टीम स्कूलों में जांच करने के लिए पहुंची तो विद्यालय का गेट खुलते ही कुछ देर बाद बच्चों के हाथ झाडू थी। बच्चे विद्यालय में झाड़ू लगा रहे थे। इस दौरान बच्चों का कहना था कि उन्हें स्कूल में झाड़ू लगानी पड़ती है उसके बाद ही पढ़ाई शुरू होती है। उधर विद्यालय के प्रधानाचार्य अम्बरीश कुमार चौधरी का कहना है कि सफाई कर्मी नहीं आने से बच्चों ने झाडू लगा दी होगी। लेकिन उनको जानकारी हुई तो तुरंत रोक दिया गया।