Aapka Rajasthan

Dholpur आखिर नालों की सफाई करना भूले, वर्षों से जमा है सिल्ट

 
Dholpur आखिर नालों की सफाई करना भूले, वर्षों से जमा है सिल्ट
धौलपुर न्यूज़ डेस्क, धौलपुर  जिला मुयालय पर इन दिनों नगर परिषद की ओर से नाले और नालियों की सफाई कराई जा रही है। लेकिन इसके बाद भी कई मुय नालों में अंतिम छोर पर सफाई करना जिमेदार एजेंसी ने बिसरा दिया है। सफाई पर खर्च होने वाले लाखों रुपए का बजट मानसून सीजन में सडक़ों पर जलभराव के रूप में आकर सफाई व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। बीते साल नगर परिषद की सफाई व्यवस्था की बरसात ने पोल खोल कर रख दी थी। शहर में जगह-जगह हुए जलभराव से कई कॉलोनियों में से लोग घरों को खाली कर निकल गए थे। सैंपऊ रोड स्थित आनंद नगर कॉलोनी में सीवर की सफाई नहीं होने से स्थानीय लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। इस दफा नगर परिषद समय से सफाई कराना तो शुरू कर दिया लेकिन अभी भी मुय नालों की सफाई नहीं हो पाई है। स्टेशन रोड स्थित अग्रवाल धर्मशाला के पीछे से खलती की तरफ जा रहे नाले की तो कई सालों से सफाई नहीं हुई है। नगर परिषद ने इस नाले को लावारिस ही छोड़ रखा है। इसमें सिल्ट (गाद) भरने से नाला ओवरलो होने से सडक़ों पर जलभराव होता है। ये कहानी हर मानसूनी सीजन की है।

सफाई की मॉनिटरिंग नहीं, फर्म के भरोसे कार्य : शहर में नालों की सफाई कार्य फर्म के भरोसे छोड़ रखा है। जिससे नालों की सही तरीके से सफाई नहीं हो पाती है। नगर परिषद के जिमेदार अधिकारियों के मौके पर नहीं पहुंचने से फर्म केवल खानापूर्ति कर आगे बढ़ जाती है। साथ ही निकाली गई सिल्ट और गंदगी का समय पर उठाव नहीं होने से भी कई दफा समस्या आती है।

नालों की सफाई पर 55 लाख का खर्चा

बता दें कि नगर परिषद की ओर से शहरी क्षेत्र में नालों की सफाई कार्य शुरू करा दिया है। इस दफा सफाई पर करीब 55 लाख रुपए का खर्चा हो रहा है। हालांकि, गत वर्ष यह राशि अधिक थी। लेकिन इसके बाद शहर के नाले साफ नहीं हो पाए थे। परिषद की ओर से देरी से ठेका दिया। गत वर्ष जून माह में सफाई की शुरुआत हुई। तत्कालीन जिला कलक्टर अनिल अग्रवाल ने नालों की सफाई में बरती जा रही अनियमितता को लेकर तत्कालीन आयुक्त समेत अन्य अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए फर्म को ब्लैक लिस्ट करने और भुगतान रोकने के निर्देश दिए थे। लेट लतीफी का नतीजा से शहर में कई स्थानों पर जलभराव रहा।