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Dholpur कोर्ट ने साढ़े 6 साल पुराने मामले में मंदबुद्धि नाबालिग का अपहरण और गैंगरेप के मामले में सुनाई सजा, 10 साल के कठोर कारावास और 70 हजार रुपए का जुर्माना लगाया

 
Dholpur कोर्ट ने साढ़े 6 साल पुराने मामले में मंदबुद्धि नाबालिग का अपहरण और गैंगरेप के मामले में सुनाई सजा, 10 साल के कठोर कारावास और 70 हजार रुपए का जुर्माना लगाया

धौलपुर न्यूज़ डेस्क,ढोलपुर की पॉक्सो कोर्ट ने साढ़े 6 साल पुराने एक मंदबुद्धि नाबालिग के अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक दोषी को 10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोषी पर 70 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। मामले का दूसरा आरोपी अभी फरार है।

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पॉक्सो कोर्ट के लोक अभियोजक संतोष मिश्रा ने बताया कि मामला धौलपुर जिले के बाड़ी थाना क्षेत्र का है. 24 सितंबर 2016 को नाबालिग के पिता ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी 16 वर्षीय मंदबुद्धि बेटी 12वीं में पढ़ती है. जो 22 सितंबर 2016 को स्कूल गया था। स्कूल से नहीं लौटा। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच के दौरान नाबालिग को हिरासत में लिया और उसका मेडिकल कराया। नाबालिग के बयानों में गैंगरेप की पुष्टि होने पर पुलिस ने आरोपी पंजाब सिंह और एक नाबालिग को हिरासत में लिया है. पुलिस ने नाबालिग को धौलपुर प्रधान दंडाधिकारी के समक्ष पेश किया. प्रधान दंडाधिकारी ने नाबालिग के बालिग होने पर मुकदमा चलाने के लिए मामले को पॉक्सो कोर्ट भेज दिया। कोरोना महामारी के दौरान कोर्ट ने दोनों आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया। पीड़िता के पिता ने आरोपी की जमानत खारिज कराने के लिए हाईकोर्ट की जयपुर खंडपीठ में अर्जी पेश की. हाईकोर्ट ने दोनों आरोपियों की जमानत खारिज करते हुए आरोपी को पॉक्सो कोर्ट में सरेंडर करने का आदेश दिया, लेकिन आदेश के बाद दोनों आरोपियों ने कोर्ट में सरेंडर नहीं किया. आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी पेश की। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अर्जी खारिज किए जाने के बाद आरोपी ऐशवीर ने पॉक्सो कोर्ट में सरेंडर कर दिया, लेकिन पंजाब सिंह फरार हो गया।Jaipur आधी रात तूफान ने मचाया कोहराम दीवारें ढह गई, वाहन दब गए, बिजली पोल गिरे

लोक अभियोजक मिश्रा ने बताया कि न्यायालय में विचारण के दौरान 19 गवाह पेश किये गये. मामले में जज जमीर हुसैन ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद लोक अभियोजक की दलीलें सुनने के बाद खानपुरा निवासी ऐश्वर पुत्र झामोली गुर्जर को आईपीसी की धारा 363 व 366 के तहत 5-5 साल की कड़ी सजा सुनाई. कारावास और 10,000 रुपये का जुर्माना। और दोषी को आईपीसी की धारा 376 व पॉक्सो एक्ट की धारा 5 व 6 के तहत 10 साल सश्रम कारावास व 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.