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Dholpur परामर्श केंद्र बना रोशनी, 356 परिवारों को टूटने से बचाया

 
Dholpur परामर्श केंद्र बना रोशनी, 356 परिवारों को टूटने से बचाया
धौलपुर न्यूज़ डेस्क, धौलपुर सरकार ने डेढ़ साल पहले शुरू की पहल अब महिलाओं के लिए मिशाल बन रही है। जिलेभर में पांच थानों पर संचालित हो रहे महिला एवं सुरक्षा सलाह केन्द्रों की टीम महिलाओं के घर टूटने से बचा रही है। हर सुरक्षा सलाह केन्द्र पर दो सदस्यों की प्रशिक्षित टीम प्रकरण में दर्ज मामलों में महिलाओं और उनके परिवार के सदस्यों की काउंसलिंग करके उनको समझा रही है। जिससे अब घर और परिवार की डोर टूटने से बच रही हैं। महिला सुरक्षा, घरेलू-हिंसा, पति-पत्नी में अलगाव, दहेज से जुड़े विवादों को काउंसलिंग में एक-दूसरे को समझाकर उसके बाद संतुष्ट होने के बाद राजीनामा कराया जा रहा है। महिला सुरक्षा केन्द्रों के जरिए सरकार की योजना अब अपने मकसद में अच्छी साबित हो रही है। इन केंद्रों पर आने वाले लगभग 60 से 70 फीसदी मामले समझाइश और काउंसलिंग के जरिए सुलझ रहे हैं, जिससे कई घर टूटने से बच रहे हैं। मनियां की लीगल एक्सपर्ट एडवोकेट प्रज्ञा बैसला ने बताया कि महिलाओं के साथ हुए घरेलू हिंसा, उत्पीडऩ या अन्य किसी भी तरीके के उत्पीडऩ मामले में महिलाओं को सलाह देने के लिए ये महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र उपयोगी साबित हो रहे हैं। रिश्तों में दरार पिछले चार से 5 साल में अधिक बढ़ी हैं। संयुक्त परिवार टूट रहे हैं, एकाकी परिवार में इस तरह की नकारात्मक मानसिकता आ रही है। नवविवाहित पति- पत्नी के बीच भी विवाद के मामले बढ़े है।

एक साल में 198 घरों को मिलाया

राज्य सरकार के महिला अधिकारिता विभाग की ओर से 1 अप्रेल 2023 से पांच स्थानों पर शुरू किए गए सलाह केन्द्रों में प्रशिक्षित स्टाफ की पहल टूट रहे घर की रोशनी फिर से जोडऩे में लगी हुई है। जिलेभर में धौलपुर, मनियां, सैंपऊ, बाड़ी, सरमथुरा में एक-एक पुलिस थानों में महिला एवं सुरक्षा सलाह केन्द्र का संचालन हो रहा है। एक अप्रेल 2023 से 31 मार्च 2024 तक 498 मामले दर्ज किए गए। जिसमें 198 मामलों में घर के विवाद को खत्म कराकर एक-दूजे को मिलाया गया। जिससे इन परिवार के घर टूटने से बचे, और फिर घर की डोर मजबूत हुई। वहीं 70 मामलों में एफआइआर दर्ज की गई। इन मामले में परिवार के सदस्य समझौता से दूर हो रहे थे।

छह माह में भी 158 परिवारों का मिलन

महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्रों की टीम भी अपनी मिशाल बनाए हुए है। अप्रेल 2024 से सितम्बर तक प्रशिक्षित टीम ने अपने हुनर से घरों को बचाया। इन छह माह में 198 घरेलू मामले दर्ज किए गए थे। इनमें पति के शराब का सेवन, पत्नी का ननद से विवाद, सांस के साथ कहासुनी, पड़ोसी महिलाओं का विवाद, घर में गृह क्लेश आदि के दर्ज किए गए। जिसमें मामला सुरक्षा सलाह केन्द्र में पहुंचा तो टीम ने इनकी काउंसलिंग कर समझाया। जिसमें 158 मामलों में समझौता कर घर के सदस्यों को मिलाया। वहीं 36 मामलों में एफआइआर दर्ज हुई। जिसमें ये मामले सुलझे नहीं। इनके परिवार के सदस्य अभी भी कोर्ट में अपनी-अपनी बात रख रहे है। 4 मामले अभी लंबित पड़े हुए है। जिनके परिवार के सदस्यों को बुलाया जा रहा है।