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Dholpur एंटी वायरस के डोज से साइबर ठग पड़े कमजोर

 
Dholpur एंटी वायरस के डोज से साइबर ठग पड़े कमजोर
धौलपुर न्यूज़ डेस्क, धौलपुर   उत्तर भारत में साइबर ठगों के गढ़ के रूप में कुछ समय से मेवात इलाका काफी कुयात हुआ है। मेवात ने झारखण्ड के जामताड़ा जैसे साइबर ठगी में माहिर बदमाशों को भी पीछे छोड़ दिया है।लोगों की मेहनत की कमाई को पलक झपकते ही उड़ाने वाले इन साइबर गिरोह पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने ऑपरेशन एंटी वायरस शुरू किया। ऑपरेशन की कमान भरतपुर रेंज आईजी राहुल प्रकाश ने संभाली। ऑपरेशन में साइबर ठगों पर रणनीति बनाकर चौतरफा हमला किया गया। इसका असर ये हुआ कि वर्तमान में साइबर ठगों के जो गिरोह रेंज के डीग जिले से संचालित थे, वे इलाका छोड़कर भाग निकले हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रेंज में बीते 10 माह में साइबर ठगों के खिलाफ 304 मुकदमे दर्ज हुए हैं। इसमें अकेले 246 डीग जिले में हैं। धरपकड़ के साथ कई साइबर ठगों के अवैध अतिक्रमण पर भी कार्रवाई कर कच्चे-पक्के निर्माण कार्यों को ध्वस्त किया गया है।इससे ठगों में हड़कंप मच गया। जिससे ठग हरियाणा और दिल्ली भाग निकले। बीते दस माह में रेंज में 1064 साइबर ठग गिरतार किए जा चुके हैं।

ठगों के हलक में से निकाले 59 लाख रुपए

साइबर ठगों के खिलाफ अभी तक केवल छोटी-मोटी कार्रवाई होकर रह जाती थी। लेकिन लोगों से ठगी राशि नहीं मिल पाती थी। लेकिन ऑपरेशन एंटी वायरस में ठगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और गिरतारी के साथ इन ठगों से राशि भी वापस निकाली गई है। हालांकि, ठग करोड़ों रुपए की लोगों को चपत लगा चुके हैं। लेकिन ऑपरेशन के तहत पुलिस जनवरी से अक्टूबर 2024 तक गिरोहों से अलग-अलग स्तर पर 59 लाख रुपए की राशि जब्त की गई है।

ढाई हजार से फोन किए जब्त : ऑपरेशन एंटी वायरस के तहत पुलिस जनवरी से अक्टूबर तक साइबर ठगों से 2527 सिम कार्ड जब्त कर चुकी है। इसके अलावा 1755 मोबाइल फोन, 447 एटीएम कार्ड, 10 माइक्रो एटीएम, 12 स्वैप मशीन, 93 दुपहिया, 44 चौपहिया वाहन, 12 लैपटाप, 3 टेबलेट, 6 कप्यूटर, 110 बैंक पासबुक, 145 चेक बुक, एक कैश काउटिंग मशीन, 9 हथियार को जब्त तथा कार्रवाई के दौरान साइबर ठगों के भूमि पर किए अनाधिकृत 9 कब्जों को हटाया गया।

वाहनों की चोरी से साइबर ठगी तक पहुंचे

प्रदेश के अलवर और डीग जिले से लगा हरियाणा का मेवात इलाका शुरू से ही आपराधिक घटनाओं के बदनाम रहा है। मेवात के बदमाश पहले वाहन चोरी करते थे और एनसीआर में वाहन चोरी में इनका आएदिन नाम आता था। डीग के एक गांव का नाम तो चोरगढ़ी तक पड़ गया। इसमें सती होने पर इन्होंने वारदात का पैटर्न बदला और नकली सोने की ईंट के जरिए लोगों से ठगी करने लगे। इसमें अपने जाल में सैकड़ों लोगों को फंसा कर ठगी की। नकली ईंट की लगातार वारदातें होने और पुलिस के चौकस होने पर धीरे-धीरे इसको छोड़ कर ये एटीएम से छेड़छाड़ और उखाड़ने की वारदात करने लगे। लेकिन इसमें रिस्क अधिक होने और पकड़े जाने की वजह से फिर ये बदमाश साइबर ठगी के वारदातें करने लगे। पुलिस की गिरत में नहीं आने और किसी तरह की पहचान नहीं होने से ये देशभर में साइबर ठगी करने लगे।