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राजस्थान में भी दिखेगी चीते की रफ्तार, प्रदेश में कॉरिडोर परियोजना पर लग सकती है अंतिम मुहर

 
राजस्थान में भी दिखेगी चीते की रफ्तार, प्रदेश में कॉरिडोर परियोजना पर लग सकती है अंतिम मुहर

धौलपुर न्यूज़ डेस्क,  राजस्थान में चीता कॉरिडोर बनाने की कवायद शुरू कर दी है. इस साल की बजट घोषणा के मुताबिक, धौलपुर से रावतभाटा तक 400 किलोमीटर के वन क्षेत्र में चीता कॉरिडोर (Cheetah Corridor) बनाया जाएगा. इसके लिए राजस्थान और मध्य प्रदेश के वन विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक रणथंभौर में बुलाई गई है. बैठक के अंतर्गत चीतों के संरक्षण को लेकर चर्चा की जाएगी. इसके साथ ही राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच एमओयू (MOU) पर भी फैसला होगा.

बैठक में राजस्थान-एमपी के अधिकारी होंगे शामिल

जिला वन अधिकारी चेतन कुमार ने बताया राज्य सरकार ने बजट घोषणा के अनुरूप चीता कॉरिडोर परियोजना को हरी झंडी दी है. मध्य प्रदेश सरकार से वार्ता कर चीता लैंडस्केप परियोजना को अमली जामा पहनाने की कवायद की जा रही है. इसके लिए दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच संयुक्त बैठक भी होगी. जिला वन अधिकारी चेतन कुमार ने बताया रणथंभौर में संयुक्त होने वाली बैठक के लिए चीफ वाइल्ड लाइफ ऑफिसर पवन उपाध्याय और राजेश कुमार गुप्ता कई अधिकारी शामिल होंगे. 

जिले में 4-5 चीतों का मूवमेंट कैमरे में कैद

वन अधिकारी के मुताबिक धौलपुर जिले के डांग क्षेत्र में मौजूदा वक्त में 4 से 5 चीतों का मूवमेंट बना हुआ है. इनमें एक मादा के अलावा तीन शावक का भी मूवमेंट वन विभाग के कैमरों में कैद हुआ है. इस क्षेत्र में 10 से ज्यादा पैंथर, करीब 10 भालू समेत जरख, लक्कड़भग्गे, सियार, लोमड़ी अजगर आदि वन्य जीव जिले के डांग क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं. राज्य सरकार पूर्व में ही धौलपुर जिले को सेंचुरी एरिया घोषित कर चुकी है. टाइगर, पैंथर और अन्य वन्य जीवों का मूवमेंट आए दिन धौलपुर से लेकर करौली तक के डांग क्षेत्र में बना रहता है. चीता लैंडस्केप बनने से वन्यजीवों की संख्या में इजाफा होगा. साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने की भी उम्मीद है.