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Dholpur सीएमओ के फोन के बाद नवीन जिला अस्पताल की नियुक्ति फिर टल गई

 
Dholpur सीएमओ के फोन के बाद नवीन जिला अस्पताल की नियुक्ति फिर टल गई
धौलपुर न्यूज़ डेस्क, धौलपुर  शहर के बाड़ी रोड स्थित मेडिकल कॉलेज के बगल में तैयार हुए नवीन जिला अस्पताल में सोमवार से शुरू करने की योजना रविवार रात अचानक टल गई।  सूत्रों के अनुसार नवीन अस्पताल के शुभांरभ को लेकर पेच फंस गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय के सक्रिय होने के बाद नवीन अस्पताल में सोमवार से उपचार शुरू करने की योजना को फिलहाल टाल दिया गया है। सूत्रों के अनुसार नवीन अस्पताल को लेकर बड़े स्तर पर कार्यक्रम के जरिए आमजन के लिए खोले जाने की खबर है। अब नए सिरे से अस्पताल का कार्यक्रम तैयार होगा। बता दें कि मेडिकल कॉलेज करीब दो साल पहले शुरू हो चुका था लेकिन नवीन जिला अस्पताल भवन में करीब दो साल से खाली पड़ा था।

जिस पर गत दिनों जिला कलक्टर श्रीनिधि बी टी ने निरीक्षण कर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को नवीन भवन को जल्द शुरू करने के निर्देश दिए थे। जिस पर अस्पताल प्रशासन ने कुछ सामान यहां शिफ्ट कर सोमवार को इसका शुभारंभ करने की पूरी तैयारी कर ली थी। आपको बता दें कि अस्पताल की इमारत करीब दो साल पहले बन चुकी थी लेकिन अस्पताल शिफ्ट नहीं होने से यह खाली धूल फांक रहा था। बीते साल जुलाई 2023 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेज व नवीन अस्पताल वर्चुअल लोकार्पण किया था। उसके बाद मेडिकल कॉलेज में कक्षाएं तो शुरू हो गई। लेकिन अस्पताल शुरू नहीं हो पाया। नवीन जिला अस्पताल 99.62 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार हुआ है। नवीन अस्पताल में इलाज की सभी सुविधाएं शहर सहित आसपास जिलों के लोगों को मिलेंगी। उक्त मामले में जिला कलक्टर से बात करनी चाही लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

लिफ्ट शुरू कर जांची

नवीन अस्पताल में मरीजों को अभी तो ग्राउंड फ्लोर पर आपोडी में सभी इलाज की सुविधाएं मिलेंगी। इसके साथ ही अन्य चिकित्सक के कक्ष को अन्य तल पर बनाया गया है। जिस पर अलग-अलग विभाग के चिकित्सक मरीजों को उपचार देंगे। इसके लिए मरीजों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। वहीं, रविवार को लिफ्ट शुरू कर इसकी जांच की गई। नवीन अस्पताल शहरवासियों के लिए अब कुछ दूर पड़ेगा। जबकि हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, पुरानी छावनी, 132 केवी समेत बाड़ी और सैंपऊ रोड की कॉलोनियों के लिए यह नजदीक रहेगा। शहर से जो पहले पैदल ही अस्पताल पहुंच जाते थे, उन्हें निजी साधन या फिर ऑटो व टैम्पो से ही जाना पड़ेगा। जिससे शहवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।