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उपचुनाव में Dausa से नरेश मीणा पर दांव लगाएगी Congress? जानें क्या बन रहे समीकरण

 
उपचुनाव में Dausa से नरेश मीणा पर दांव लगाएगी Congress? जानें क्या बन रहे समीकरण

दौसा न्यूज़ डेस्क, राजस्थान में हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में पांच विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां के विधायक सांसद बन गए हैं. उनमें से एक दौसा विधानसभा सीट भी है. इस सीट विधायक मुरारी लाल मीणा ने लोकसभा चुनाव जीता है. जिसके बाद अब यहां उपचुनाव होगा. हालांकि अभी उपचुनाव की घोषणा नहीं हुई है लेकिन विधानसभा और बाद में लोकसभा चुनावों में टिकट मांग रहे नेता सक्रिय हो गए हैं. विधानसभा चुनाव में जिन टिकट के जिन उम्मीदवारों को दिलासा दी गई थी वो अब सबसे प्रबल दावेदर माने जा रहे हैं. विधानसभा चुनाव में दौसा सीट पर दावेदारों की लम्बी लिस्ट थी और मुरारी लाल मीणा को टिकट मिलने के बाद भी वो थमी नहीं. लेकिन इस बगावत में उफान जब आया जब लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने मुरारी लाल मीणा को टिकट दे दिया. जिसके बाद नरेश मीणा ने बगावत कर दी थी. नरेश ने नामांकन भी कर दिया था लेकिन बाद में वापस ले लिया. 

नरेश मीणा सबसे प्रबल दावेदार ! 

लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान नरेश मीणा ने मुरारी लाल के साथ मंच साझा करते हुए कहा था, ''आप टिकट ले आए, आप सांसद बन जाओगे. आपकी बेटी दौसा से विधायक बन जाएगी, हमारा नंबर कब आएगा? आपका तो फर्ज बनता है कि आप हमारे लिए टिकट मांगते. आपके तो बच्चे नहीं हैं, हम तो आपके बच्चे हैं. आपको सचिन पायलट से कहना चाहिए था कि आप नरेश को टिकट दो.'' इतनी खुली बगावत के बाद अब कांग्रेस इस बात को लेकर अधिक सचेत है कि किसे टिकट दिया जाए. ऐसे में नरेश मीणा विधानसभा उपचुनाव में टिकट के सबसे प्रबल दावेदार हो सकते हैं. 

जातिगत समीकरण बदले तो खटाणा भी दावेदार

दौसा विधानसभा सीट पर एक और दावेदार हैं जो टिकट की मांग कर सकते हैं. वो हैं गजराज खटाणा. खटाणा को सचिन पायलट का नजदीकी माना जाता है. वो सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट के समय से पायलट परिवार से जुड़े हैं. अगर कांग्रेस विधानसभा चुनाव में मीणा की जगह गुर्जर समुदाय से टिकट देती है तो खटाणा का नाम सबसे आगे हो सकता है.  गजराज खटाणा ने 2008 के विधानसभा क्षेत्र बांदीकुई विधानसभा से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए थे. उसके बाद उन्हें 2018 में यहीं से टिकट मिला और वो जीते. लेकिन पिछले चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. हालांकि उनकी आखिरी हार  टिकट पाने की राह में रोड़ा बन सकती हैं.