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पायलट के गढ़ में आखिर हार-जीत का फैसला करेगा कौन? जानें यहाँ के सियासी मायने, Dausa में BJP और कांग्रेस ने उतारे 'मीणा' उम्मीदवार

 
पायलट के गढ़ में आखिर हार-जीत का फैसला करेगा कौन? जानें यहाँ के सियासी मायने, Dausa में BJP और कांग्रेस ने उतारे 'मीणा' उम्मीदवार

दौसा न्यूज़ डेस्क, राजस्थान में लोकसभा चुनाव की तारीख के नजदीक आती जा रही हैं और चुनाव प्रचार परवान चढ़ रहा है। पूर्वी राजस्थान की हॉट सीट दौसा में भी बीजेपी प्रत्याशी कन्हैया लाल मीणा और कांग्रेस उम्मीदवार मुरारी लाल मीणा के बीच जबरदस्त टक्कर है। प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों में से दौसा सीट हमेशा चर्चाओं में रही है। यहां पर अब तक 19 लोकसभा चुनाव हुए हैं, जिनमें 12 बार कांग्रेस, 4 बार बीजेपी, 2 बार स्वतंत्र पार्टी और 1 बार किरोड़ी लाल मीणा निर्दलीय के रूप में जीते हैं।

पायलट परिवार का गढ़, कांग्रेस का सुनहरा युग

दौसा में कांग्रेस का दबदबा रहा है और यहां राजेश पायलट ने पांच बार चुनाव लड़ा और पांचों बार ही चुनाव जीता। इसके अलावा सचिन पायलट और रमा पायलट यहां से सांसद बन चुके हैं। ऐसे में पायलट परिवार के सदस्य 7 बार इस सीट से सांसद रहे हैं। कांग्रेस नेता पंडित नवल किशोर शर्मा भी इस सीट से सांसद रहे हैं, ऐसे में राजेश पायलट और पंडित नवल किशोर शर्मा ने दौसा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का काम किया था। 2009 से पहले यह सीट कांग्रेस के लिए सबसे सुरक्षित मानी जाती थी।

2009 के बाद कांग्रेस के लिए दूर की कौड़ी साबित

दौसा सीट जब तक सामान्य थी, तब तक कांग्रेस का दबदबा था। लेकिन जब से अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व हुई है, तब से कांग्रेस के लिए यहां जीत भी दूर की कौड़ी साबित हो रही है। तब से यहां कांग्रेस को एक बार भी जीत हासिल नहीं हो सकी है। परिसीमन के बाद 2009 में पहला चुनाव हुआ और इसमें किरोड़ी लाल मीणा निर्दलीय चुनाव जीते। तब यहां भाजपा के रामकिशोर मीणा और कांग्रेस के लक्ष्मण मीणा की जमानत जप्त हुई थी।

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नागौर लोकसभा सीट से भाजपा ने ज्योति मिर्धा को प्रत्याशी बनाया है। ज्योति मिर्धा वर्ष 2009 में नागौर लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर सांसद रह चुकी है। इसके बाद वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन दोनों बार हार का सामना करना पड़ा। नवंबर 2023 हुए विधानसभा चुनाव के दौरान ज्योति मिर्धा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई थी। अब भाजपा ने उन्हें नागौर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है।

गंगानगर लोकसभा सीट भाजपा ने इस बार प्रियंका बैलान को प्रत्याशी बनाया है। पिछले 15 साल से वे राजनीति में सक्रिय हैं और वर्तमान में अनूपगढ नगर परिषद की सभापति भी हैं। वर्ष 2013 में प्रियंका बैलान को विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी तय किया था लेकिन वे चुनाव नहीं लड़ सकी क्योंकि 10वीं की मार्कशीट में अंकित जन्मतिथि के हिसाब से वे 25 साल की आयु पूरी नहीं कर पाई थी। गत दो विधानसभा चुनाव में भी वे टिकट की मांग कर रही थी लेकिन पार्टी ने उन्हें अवसर नहीं दिया। अब सीधे लोकसभा चुनाव लड़ने का अवसर दिया है।

जयपुर शहर लोकसभा सीट से बीजेपी ने मंजू शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है। मंजू शर्मा पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और वरिष्ठ नेता दिवंगत भंवरलाल शर्मा की पुत्री हैं। भंवरलाल शर्मा के निधन के बाद पार्टी ने उन्हें एक बार हवामहल विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा था लेकिन कांग्रेस के बृजकिशोर शर्मा के सामने वे महज 580 मतों से हार गई थी। अब पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव मैदान में उतारा है।

राजसमंद लोकसभा सीट से भी बीजेपी ने इस बार महिमा कुमार सिंह के रूप में नया चेहरा चुनाव मैदान में उतारा है। वे राजसमंद राजघराने की बहू हैं और नाथद्वारा के मौजूदा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ की पत्नी हैं। महिमा कुमारी सिंह भले ही पहली बार चुनाव मैदान में उतरी हों लेकिन सामाजिक कार्यक्रमों में वे पिछले कई सालों से सक्रिय हैं। बीजेपी ने अब उन्हें संसद आने का टिकट दिया है।

करौली-धौलपुर लोकसभा सीट से बीजेपी ने इंदु देवी जाटव को चुनाव मैदान में उतारा है। इंदु देवी पार्टी की कोई वरिष्ठ नेता नहीं बल्कि एक सामान्य कार्यकर्ता हैं जो वर्ष 2015 में करौली पंचायत समिति की निर्विरोध प्रधान बनी थीं। दो बार लगातार सांसद रहे मनोज राजोरिया का टिकट काटते हुए पार्टी ने एक साधारण कार्यकर्ता को चुनाव लड़ने का मौका दिया है।

भरतपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस ने संजना जाटव को प्रत्याशी बनाया है। संजना जाटव पार्टी का बड़ा चेहरा नहीं है बल्कि वे अलवर नगर परिषद की सदस्य हैं। प्रियंका गांधी के लड़की हूं लड़ सकती हूं अभियान से जुड़ने के बाद वे अचानक सुर्खियों में आईं। हालांकि संजना पार्टी में कई साल से सक्रिय हैं और मंच पर अपनी बात प्रखरता के साथ रखती हैं। कांग्रेस ने युवा महिला नेता को संसद जाने का अवसर दिया है।

गहलोत राज में बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष रहीं संगीता बेनीवाल को कांग्रेस ने पाली लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया है। संगीता बेनीवाल लंबे समय से पार्टी से जुड़ी हैं लेकिन चुनाव लड़ने का अवसर पार्टी की ओर से उन्हें पहली बार दिया गया है।

झालावाड़-बारां लोकसभा सीट से कांग्रेस ने एक बार फिर उर्मिला जैन भाया को चुनाव मैदान में उतारा है। वे पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया की पत्नी हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में भी उर्मिला कांग्रेस की ओर से चुनाव मैदान में थीं लेकिन जीत नहीं पाई। इस बार उन्हें फिर से प्रत्याशी बनाया गया है।

किरोड़ी के बाद हरीश मीणा ने जीता दौसा, फिर जसकौर मीणा

2014 की लोकसभा चुनाव में भाजपा से हरीश मीणा और कांग्रेस से उनके ही भाई नमो नारायण मीणा चुनावी मैदान में थे। इस चुनाव में राजपा से किरोड़ी लाल मीणा भी मैदान में थे। 2014 के इस लोकसभा चुनाव में भाजपा के हरीश मीणा विजय हुए। वहीं राजपा के किरोड़ी लाल मीणा दूसरे नंबर रहे। कांग्रेस के नमो नारायण मीणा को तीसरे स्थान पर जाना पड़ा। 2019 के लोकसभा चुनाव में सांसद जसकौर मीना और वर्तमान कांग्रेस प्रत्याशी मुरारी लाल मीणा की पत्नी सविता मीणा के बीच मुकाबला हुआ। इस चुनाव में भी भाजपा की जसकौर मीणा विजयी हुईं।

मीणा वोट तय करेंगे कांग्रेस-बीजेपी की जीत-हार

एक बार फिर 2024 का लोकसभा चुनाव नजदीक है, चुनावी प्रचार परवान पर है और दौसा सीट पर पीएम मोदी के चेहरे और जाति के आंकड़ों से हार-जीत के कयास लगाए जा रहे है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दौसा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में जातिगत आंकड़ों पर ही उम्मीदवार अपनी जीत का दम भर रहे हैं। इस जातिगत आंकड़े पर इतने भरोसे के पीछे भी कई मायने लगाए जा रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि इस सीट पर सबसे अधिक मतदाता यानी मीणा समाज का वोट यदि थोड़ा भी बीजेपी की ओर खिसकता है तो इसका बड़ा नुकसान कांग्रेस का उठाना पड़ सकता है। एक रिपोर्ट की मानें तो 2014 में 4 फीसदी और 2019 में 6 फीसदी मीणा वोट बीजेपी की तरफ पड़े थे। यदि पिछले 10-15 सालों के बीजेपी के रूझानों को आगे बढ़ाए तो इसबार इसमें थोड़ा भी इजाफा बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित होगा।

दाैसा लोकसभा निवार्चन क्षेत्र में जातिगत आंकड़ा

 
जाति मतदाता
मीना 4.5 लाख
एससी 3.75 लाख
ब्राह्मण 3.25 लाख
गुर्जर 2 लाख
माली 1.5 लाख
वैश्य 1 लाख
राजपूत 75 हजार
जाट 40 हजार
यादव 15 हजार
मुस्लिम 45 हजार
अन्य 1 लाख