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Dausa रेलवे प्लेटफॉर्म-2 के पास शहर पहुंचने का सीधा रास्ता नहीं, लोग परेशान

 
Dausa रेलवे प्लेटफॉर्म-2 के पास शहर पहुंचने का सीधा रास्ता नहीं, लोग परेशान 

दौसा न्यूज़ डेस्क, प्लेटफॉर्म-2 के पास एक फैक्ट्री के पास रहने वाले लोगों के लिए शहर जाने का कोई सीधा रास्ता नहीं है. लोगों को जादव फाटक या सैथल रोड से 3-4 किमी का चक्कर लगाकर शहर आना पड़ता है। लोगों के रास्ते की समस्या वर्ष 2010 से बनी रहेगी, जब रेलवे ने डबल लाइन का काम पूरा होने के बाद गांधी तिराहे के पास वाली सड़क को बंद कर दिया था.वर्ष 2019 में सांसद जसकौर मीणा जीतकर पहली बार लोगों के बीच पहुंचे थे, तब लोगों ने शहर में आने-जाने के लिए फुटओवर ब्रिज बनाने की मांग उठाई थी. इस पर सांसद मीणा ने फुटओवर ब्रिज बनाने का वादा किया था। भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के जिला संयोजक जगदीश व्यास का कहना है कि 4 साल बीत जाने के बाद भी फुटओवर ब्रिज निर्माण की दिशा में कोई पहल नहीं की गई. वर्ष 2010 दिसंबर तक रेल सिंगल ट्रैक थी, तब लोग गांधी तिराहा से होकर पटरी पार कर प्लेटफार्म-2 की तरफ से शहर जाते थे।

फिर दोहरी लाइन थी, जिससे वह रास्ता बंद हो गया। रेलवे अधिकारियों का तर्क था कि पहले सिंगल लाइन होती थी, तब एक बार में एक ही ट्रेन आती थी। डबल लाइन होने के कारण दोनों ओर से एक ही समय में ट्रेनें गुजरती हैं, जिससे अगर नजर चली गई तो हादसे की आशंका बनी रहती है। लोगों की जान-माल की सुरक्षा को देखते हुए सड़क बंद करने की अपील की गई। सड़क को बंद हुए करीब 13 साल हो गए हैं, लेकिन लोग आवाजाही के लिए फुट ओवर ब्रिज बनाने की मांग लगातार उठा रहे हैं। सड़क की समस्या 2-4 कॉलोनी-ढाणी के लोगों की नहीं, बल्कि 20 से ज्यादा कॉलोनियों के लोगों के लिए बड़ी समस्या है।

करीब 3 माह पूर्व जनवरी माह में रेलवे व नगर परिषद के अधिकारियों ने फुट ओवर ब्रिज निर्माण के लिए स्थल का निरीक्षण किया था, लेकिन धरातल पर कहीं भी काम नजर नहीं आ रहा है. सड़क किनारे किसी न किसी ने अतिक्रमण कर रखा है, वह नहीं चाहते कि फुटओवर ब्रिज बने। जिससे शहर में लोग आएंगे-जाएंगे और भाजपा को चुनावी फायदा मिलेगा। शहर में फिलहाल लोग ट्रैक पार कर या चक्कर लगाकर आते-जाते हैं। सड़क के अभाव में अधिकांश विद्यार्थियों को तनाव के साथ परेशानी का भी सामना करना पड़ता है।