Dausa प्रदेश में गर्मी की शुरुआत में ही जल संकट गहराने लगा

दौसा न्यूज़ डेस्क, लगातार घटते बारिश के ग्राफ के कारण क्षेत्र के प्रमुख माधोसागर और भंडारी बांध पिछले तीन दशक से खाली पड़े हैं। जिससे उपखण्ड क्षेत्र में पेयजल संकट गहराता जा रहा है। परिणामस्वरूप, गर्मी की शुरुआत के साथ, उथले बोरवेल सूखने लगे हैं, जबकि गहरे बोरवेल में पानी का प्रवाह भी कम हो गया है। ऐसे में आने वाली भीषण गर्मी के दिनों में लोगों को पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है. इसका असर जलदाय विभाग की पेयजल योजनाओं पर भी पड़ रहा है.
घुमना के माधोसागर व भंडारी बांध में करीब 30 वर्षों से पानी की आवक नहीं होने से उपखंड क्षेत्र के 150 से अधिक गांवों व बस्तियों में भूजल स्तर लगातार गहराता जा रहा है। पिछले 10 वर्षों में 150 से 300 फीट की गहराई पर संचालित सैकड़ों बोरवेल सूख गए हैं. गांवों में बढ़ते पेयजल संकट के कारण और फसलों की सिंचाई के लिए लोगों ने लाखों रुपये खर्च कर 500 से 800 फीट की गहराई से पानी निकालने के लिए गहरे बोरवेल खोदे हैं. लेकिन सिर्फ 10 फीसदी बोरवेल में ही पानी निकल रहा है. जिससे लोगों को आर्थिक संकट के साथ-साथ जल संकट का भी सामना करना पड़ रहा है।
पानी की कमी के कारण सरसों व चने की फसल की ओर रुझान बढ़ा है। लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद गहरे बोरवेल में पानी नहीं मिलने से परेशान किसानों ने अधिक सिंचित फसलों की जगह सरसों और चने की फसल बोना शुरू कर दिया है. पानी की कमी को देखते हुए कृषि विभाग भी किसानों को फलों के बगीचे लगाने और बूंद-बूंद सिंचाई विधि से सिंचाई करने के लिए जागरूक कर रहा है. जलस्तर गहराने का असर निजी बोरवेलों के अलावा जलदाय विभाग की पेयजल योजनाओं पर भी पड़ रहा है. हर साल विभाग की ओर से कस्बों और गांवों में पेयजल योजना के तहत खोदे गए 5 से 10 बोरवेल सूख रहे हैं। जिससे कस्बों व गांवों की पेयजल योजनाएं प्रभावित हो रही हैं।