राज्य सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर जिलेभर में ग्रामीण समस्या समाधान शिविरों का आयोजन
राजस्थान में राज्य सरकार के कार्यकाल के दो वर्ष पूरे होने के अवसर पर जिलेभर में ग्रामीण समस्या समाधान शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इन शिविरों का उद्देश्य ग्रामीण जनता को सीधे तौर पर सरकारी अधिकारियों से जोड़कर उनके सामने लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का मौके पर समाधान करना और सरकारी योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक पहुँचाना है।
शिविरों में आम ग्रामीण अपनी शिकायतें, आवेदन और सुझाव सीधे संबंधित अधिकारियों के समक्ष रख सकते हैं। इसके साथ ही वहां उपस्थित विभागीय प्रतिनिधियों द्वारा लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी, पात्रता और लाभ लेने की प्रक्रिया समझाई जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि इन शिविरों से न केवल समस्याओं का त्वरित समाधान होगा, बल्कि लोगों में सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी।
जिलाधिकारी ने बताया कि शिविरों में विशेष ध्यान किसानों, महिला स्वयं सहायता समूहों, वृद्ध नागरिकों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हितों पर रखा जा रहा है। इसके तहत, भूमि संबंधी विवाद, पानी-पकौड़ा, बिजली कनेक्शन, सरकारी सहायता राशि और पेंशन से जुड़े मामलों को प्राथमिकता दी जा रही है।
शिविरों में उपस्थित ग्रामीणों ने सरकार की इस पहल को सराहा और कहा कि इससे उनके गांवों तक सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ सीधे पहुंच सकेगा। साथ ही, उन्होंने कहा कि अधिकारी मौके पर ही समस्याओं का समाधान करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे लंबे इंतजार और नौकरशाही की झंझट कम होगी।
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि यह शिविर राज्य सरकार की लोगों के प्रति पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जिलेभर के सभी ब्लॉकों और गांवों में यह शिविर आयोजित किए जा रहे हैं ताकि किसी भी नागरिक को परेशानी का सामना न करना पड़े।
इन शिविरों के माध्यम से ग्रामीणों को यह भी जानकारी दी जा रही है कि वे सरकारी योजनाओं और राहत कार्यों का लाभ ऑनलाइन पोर्टल या मोबाइल ऐप के जरिए भी ले सकते हैं। अधिकारियों ने लोगों से अपील की कि वे शिविर का अधिक से अधिक लाभ उठाएं और अपने अधिकारों के प्रति सजग रहें।
कुल मिलाकर, राज्य सरकार के दो वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित ये ग्रामीण समस्या समाधान शिविर न केवल जनता की समस्याओं का त्वरित निवारण करेंगे, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में सशक्त और जागरूक नागरिकता को भी बढ़ावा देंगे।
