राणा सांगा पर अभद्र टिपण्णी को लेकर सपा सांसद पर बरसे रविन्द्र सिंह भाटी, बोले 'बहुत बड़ी गलती की है, माफी नहीं....'

बाड़मेर के शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी दौसा जिले के बांदीकुई विधानसभा क्षेत्र के बसवा में महाराणा राणा सांगा की समाधि स्थल पर पहुंचे। उनके साथ बड़ी संख्या में राजपूत समाज के लोगों ने राणा सांगा के चबूतरे पर माथा टेका। रविन्द्र सिंह भाटी ने समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन द्वारा संसद में राणा सांगा पर की गई टिप्पणी की निंदा की। उन्होंने सांसद रामजी लाल सुमन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ लोगों ने अपनी राजनीति चमकाने के लिए राजनीति का स्तर गिरा दिया है।
"वे इतिहास को समाप्त करना चाहते हैं"
रविन्द्र भाटी ने कहा कि वरिष्ठ नेता रामजी लाल ने संसद में जो कहा वह पूरे देश के लिए पीड़ादायक है। राणा सांगा के शरीर पर 80 घाव थे, उसके बाद भी वे मातृभूमि की रक्षा के लिए लड़ते रहे। उनका एक हाथ, एक पैर और एक आंख नहीं थी, फिर भी वे युद्ध के मैदान में डटे रहे। ऐसे महापुरुषों पर बयानबाजी करना चिंताजनक और पीड़ादायक है। उन्होंने कहा, "मैं युवा पीढ़ी से कहना चाहता हूं कि जितना हो सके इतिहास पढ़ें। कई ताकतें इतिहास को किसी न किसी तरह से नष्ट करने की कोशिश कर रही हैं, ताकि भारत विपरीत दिशा में जाए। ये लोग पश्चिमी संस्कृति के समर्थक हैं। ये भारत के रीति-रिवाजों और संस्कृति को नष्ट करना चाहते हैं। इन्हें मुंहतोड़ जवाब देने की जरूरत है, ताकि इनके मंसूबे कामयाब न हों।"
अहंकार मृत व्यक्ति की पहचान है
उन्होंने कहा कि देश के किसी महापुरुष पर बयान देना और फिर इतना अहंकार करना, ये कहीं न कहीं उम्र का तकाजा है। अहंकार मृत व्यक्ति की पहचान है। इंसान वो होता है जो लचीला होता है, जो सिर झुकाकर चलता है। आपने जो भी गलती की है, मुझे नहीं लगता कि माफी मांगने के बाद भी लोग आपको माफ करेंगे। समय के साथ सब कुछ होगा, देखते रहिए।
"जाति और धर्म के आधार पर महापुरुषों को न बांटें"
बसवा में मीडिया को बयान देते हुए शिव विधायक रविंद्र भाटी ने कड़े शब्दों में कहा कि महापुरुषों को जाति और धर्म के आधार पर न बांटें, वे महापुरुष हैं। उनकी वजह से ही आज हम खुले आसमान के नीचे बैठे हैं। उन्होंने सांसद रामजीलाल सुमन के बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि जनता जवाब दे रही है, और आने वाले समय में बखूबी देगी।