बांग्लादेश में हिंदू उत्पीड़न के विरोध में दौसा में प्रदर्शन, गांधी तिराहे पर फूंका पुतला
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे कथित अत्याचार और उत्पीड़न की घटनाओं के विरोध में बुधवार शाम को दौसा जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया गया। सर्व हिंदू समाज के आह्वान पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए और गांधी तिराहे पर बांग्लादेश का पुतला फूंका। प्रदर्शन के दौरान आक्रोशित लोगों ने नारेबाजी कर बांग्लादेश सरकार के खिलाफ रोष जताया।
प्रदर्शन में शामिल लोगों का कहना था कि बांग्लादेश में लगातार हिंदू समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। मंदिरों पर हमले, घरों में तोड़फोड़ और धार्मिक स्वतंत्रता पर अंकुश जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं, जो मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन हैं। वक्ताओं ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इन घटनाओं पर गंभीरता से संज्ञान लेना चाहिए।
गांधी तिराहे पर हुए प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा की मांग की। नारे लगाए गए—“हिंदुओं पर अत्याचार बंद करो”, “मानवाधिकारों का सम्मान करो” और “बांग्लादेश सरकार जवाब दो।” प्रदर्शनकारियों ने कहा कि धार्मिक आधार पर किसी भी समुदाय के साथ भेदभाव स्वीकार नहीं किया जा सकता।
सर्व हिंदू समाज के पदाधिकारियों ने कहा कि यह प्रदर्शन किसी देश या जनता के खिलाफ नहीं, बल्कि वहां की सरकार की नीतियों और उदासीन रवैये के खिलाफ है। उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि वह कूटनीतिक स्तर पर बांग्लादेश सरकार से बात कर हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित कराए। साथ ही अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाने की भी मांग की गई।
प्रदर्शन के दौरान पुलिस प्रशासन मुस्तैद रहा। सुरक्षा के मद्देनजर गांधी तिराहे और आसपास के इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था। पुतला दहन के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति नहीं बनी और प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ।
प्रदर्शन में शामिल लोगों ने चेतावनी दी कि यदि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार नहीं रुके, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह केवल धार्मिक मुद्दा नहीं, बल्कि मानवता और मौलिक अधिकारों से जुड़ा सवाल है।
