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राजस्थान में सरकारी लापरवाही का पर्दाफाश! सड़क किनारे बिखरे मिले ‘उड़ान योजना’ के सेनेटरी पैड, आखिर क्या कर रहा सिस्टम

 
राजस्थान में सरकारी लापरवाही का पर्दाफाश! सड़क किनारे बिखरे मिले ‘उड़ान योजना’ के सेनेटरी पैड, आखिर क्या कर रहा सिस्टम 

राजस्थान के दौसा जिले में सरकार की महत्वाकांक्षी 'उड़ान योजना' की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गई हैं। जिले के बांदीकुई विधानसभा क्षेत्र के उप स्वास्थ्य केंद्र भोजवाड़ा के पास सड़क पर 'उड़ान योजना' के तहत बांटे जाने वाले सेनेटरी पैड के बंडल बिखरे मिले, जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

सड़क के बीचों-बीच बिखरे पड़े सेनेटरी नैपकिन के कई बंडल

दरअसल, भोजवाड़ा गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र के पास सड़क के बीचों-बीच सेनेटरी नैपकिन के कई बंडल बिखरे पड़े मिले, जिससे सरकार की कार्यप्रणाली की पोल खुल गई है। इन बिखरे नैपकिन को देखकर ग्रामीणों ने तुरंत प्रशासन को सूचना दी।

बंडलों पर एक्सपायरी डेट लिखी बताई जा रही है

यह मामला तब और गंभीर हो जाता है, जब बताया जा रहा है कि सड़क पर मिले सेनेटरी नैपकिन (पैड) के बंडल एक्सपायरी डेट के थे। इस संबंध में बांदीकुई के बीसीएमएचओ (ब्लॉक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी) डॉ. बी.एल. प्रजापत ने इस मामले को बेहद गंभीर बताया है और कहा है कि इसकी जांच कराई जाएगी।

तीन महीने से पैड उपलब्ध नहीं

सरकार द्वारा चलाई जा रही 'उड़ान योजना' के तहत प्रदेश के हर आंगनबाड़ी केंद्र पर महिलाओं को हर महीने तीन पैकेट सैनेटरी नैपकिन दिए जाते हैं। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले तीन महीने से दौसा जिले में इस योजना के तहत सैनेटरी नैपकिन की आपूर्ति नहीं की गई है, जिसके कारण सैकड़ों महिलाएं इस महत्वपूर्ण योजना के लाभ से वंचित हो रही हैं।

लाखों रुपए खर्च कर रही सरकार

गौरतलब है कि महिलाओं की मासिक धर्म स्वच्छता के लिए सरकार 'उड़ान योजना' पर लाखों रुपए खर्च कर रही है। प्रदेश भर के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों, स्वास्थ्य केंद्रों और स्कूल-कॉलेजों में ये सैनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। लेकिन दौसा जिले में इस 'उड़ान योजना' के दावे हवा-हवाई नजर आ रहे हैं। सड़क पर बिखरे मिले ये पैड इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण हैं कि सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ महिलाओं को नहीं मिल रहा है।